उन्होंने कहा कि इस वर्ष चमकी बुखार के चार मामले प्रतिवेदित किए गए हैं, जिनमें से दो केस सीतामढ़ी और दो केस मुजफ्फरपुर जिले से सामने आए हैं.जबकि प्रभावित हुए सभी चार बच्चे ठीक होकर घर लौट चुके हैं और अब तक हालत सामान्य है. सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने बताया कि चमकी बुखार (AES) को लेकर हम लोग बेहद गंभीर हैं और इसको लेकर अपने अभियान को और तेज करने जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अब ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जन जागरूकता का अभियान चलाया जाएगा और इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए सभी बुनियादी सुविधा को उपलब्ध कराया जा चुका है. सभी तरह की दवाओं के साथ-साथ अन्य फैसिलिटीज के साथ मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान को और भी तेज किया जाएगा. ताकि लोग इसे लेकर जागरूक हो सकें और इस AES पर हम लोग काबू पा सकें.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इस बीच मुजफ्फरपुर,बिहार के बांद्रा प्रखंड की रानी कुमारी(42वर्ष) की असामयिक मृत्यु बहुत ही दुखदायी देने वाला है.दुख के इस घड़ी में समस्त आशा परिवार उनके परिजनों के साथ है.लेकिन गुस्सा असंवेदनशील सरकार के प्रति है जो आशाओं से केवल काम लेना जानती है.रानी कुमारी तेज़ धूप में चमकी बुखार को लेकर आशाओं के साथ जागरूकता अभियान में लगी थी.धूप में वह बेहोश हो गईं.ग्रामीणों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां उनकी मौत हो गयी. बच्चे सब पढ़ लिख ही रहे हैं लेकिन सरकार प्रशासन की कोई सुधि नहीं! बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ सम्बद्ध गोपगुट /aicctu की ओर से सिविल सर्जन को आवेदन दिया जाएगा.संघ की ओर से एक शोक सभा आयोजित करने की योजना ली गयी है. संघ की ओर से शोकाकुल परिवार को हर संभव मदद का आह्वान किया गया है.
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