- श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में एक पखवाड़ तक होंगे विभिन्न आयोजन
पृथ्वी पर जीवन को कायम रखने में सबसे आवश्यक
शहर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा ने कहा कि पृथ्वी पर जीवन को कायम रखने में सबसे आवश्यक है कि पर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के साथ अनुकूल पर्यावरण बना रहे। इस महत्त्व को समझाने के लिए वर्ष 1970 से दुनिया के 192 देश प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन व अनुकूल पर्यावरण के बिना पृथ्वी पर जीवन विल्कुल भी संभव नहीं है। पिछले कुछ दशकों में अपर्याप्त होते प्राकृतिक संसाधन व प्रतिकूल होते पर्यावरण के चलते यह चिंता लगातार गहराती जा रही है कि पृथ्वी पर जीवन को कैसे कायम रखा जाए। हमारा देश और प्रदेश अछूता नहीं रह गया है। लगातार बढ़ती जनसंख्या, दिशाहीन विकास और प्रकृति व पर्यावरण के अंधाधुंध दोहन के कारण आज हवा पानी और मिट्टी प्रदूषित हो चुके हैं। विश्व पृथ्वी दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम पृथ्वी को जीवनदायी बनाए रखने का संकल्प ले सकते हैं।
पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना
केन्द्र के प्रभारी नटवर सिंह ने कहा कि इस दिन को मनाने का मकसद पर्यावरण को होने वाले खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करना है और पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। भूस्खलन, ग्लोबल वॉर्मिंग और प्रदूषण के कारण पर्यावण को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है। ऐसे में यदि व्यक्ति अपने स्तर पर भी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रण ले तो हमारी पृथ्वी फलती-फूलती रहेगी, यह दिन आने वाली पीढिय़ों के लिए पृथ्वी और इसके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा और संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। इस मौके पर जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के द्वारा लगातार एक पखवाड़े 15 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन विश्व पृथ्वी दिवस के अंतर्गत किया जाएगा। आने वाले दिनों में शिक्षा संस्थाओं में भाषण प्रतियोगिता, धरती का श्रृंगार करो रंगोली प्रतियोगिता सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

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