- 78 लाख पेंशनधारी ₹1,000 पेंशन पर निर्भर हैं, राष्ट्रीय समिति लगातार वार्ता और प्रदर्शन कर रही है, न्यूनतम पेंशन में वृद्धि अनिश्चित बनी हुई है।
2014 में मध्य प्रदेश से राज्य सभा में प्रकाश जावड़ेकर फग्गन सिंह कुलस्ते की सीट पर निर्वाचित हुए थे.कांग्रेस के कामगार विरोधी होने का खुब नारा बुलंद किये.विपक्षी भूमिका अदा करने वाले प्रकाश जावड़ेकर को सत्तासीन 2014 में होने पर भारतीय जनता पार्टी ने जावड़ेकर को केंद्रीय मंत्री बना दिया.केंद्रीय मंत्री ने ₹1,000 प्रति माह काे ₹3,000 तक बढ़ाने का प्रयास नहीं किया. बता दें कि 2014 से वर्तमान तक ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये है और ईपीएफओ ने 1 सितंबर 2014 से पात्रता का भुगतान करना शुरू कर दिया है.ईपीएस-95 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा चलाया जाता है और इसके डैशबोर्ड से पता चलता है कि देश में 78 लाख पेंशनधारी है. राष्ट्रीय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक रावत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत के नेतृत्व में हुए वार्ता व प्रदर्शन दिल्ली में होते रहे है.यह पिछले छह वर्षों से जारी है. पेंशनभोगियों ने पूरे भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 110 कार्यालयों पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं.वहां पर न्यूनतम मासिक पेंशन 7,500 रुपये और महंगाई भत्ता देने का आग्रह किया.लेकिन इस घटनाक्रम ने उन लोगों को खुश नहीं किया है जो लंबे समय से न्यूनतम पेंशन ₹1,000 की बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे.
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