सीहोर : नवमी पर सिद्धिदत्री माता के मंदिर पर किया जाएगा महायज्ञ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 16 अप्रैल 2024

सीहोर : नवमी पर सिद्धिदत्री माता के मंदिर पर किया जाएगा महायज्ञ

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सीहोर। शहर के प्रसिद्ध सीवन नदी घाट के समीप स्थित श्री सिद्धिदात्री अंबे मां बिजासनी मंदिर पर चैत्र नवरात्रि का महापर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। नवमी पर प्रसादी का वितरण किया जाएगा। समिति के उपाध्यक्ष सुरेश वशिष्ठ ने बताया कि देवी का स्थान काफी प्राचीन है। पहले यहां पर छोटी सी मढिय़ा में दोनों नवरात्रि पर मां की मिट्टी की मूर्ति बनाकर ब्रह्मलीन पुजारी रामेश्वर दयाल शर्मा मां की आरधना एवं सेवा पूजा-अर्चना करते थे, समय के अंतराल से देवालय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया था, नगर के वयोवृद्ध श्रद्धालुओं द्वारा, इस देवालय के संबंध में चर्चा के दौरान इस सिद्ध मंदिर के रूप में बताया जाता था, जब इस और सक्रिय रूप से आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता की ओर ध्यान आकृष्ट हुआ तब नगर के नागरिकों द्वारा समिति बनाकर जन सहयोग से इस देवालय का जीर्णोद्धर का निर्णय लेकर निर्माण कार्य आरंभ किया। समिति के अध्यक्ष अशोक बिहाणी ने बताया कि मंदिर में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा विद्वान आचार्यों के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई। देवालय में स्थापित मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व  मंदिर के पुजारी स्व. श्री रामेश्वर दयाल शर्मा उप पुजारी स्व. श्री रामचंद्र उपाध्याय पदयात्रा से मां हरसिद्धि देवालय उज्जैयनी जाकर महाराज विक्रमादित्य के समय से निरंतर प्रज्जवलित ज्योति लाकर यहां अखंड ज्योति स्थापित की गई जो आज भी देवालय में चेतन्य रूप से विराजमान रहकर जन-जन का मंगल कर रही है। देवायल पर चार महायज्ञ वर्ष 1980, 1984, 1990 और 1994 में समिति द्वारा संपन्न कराए गए है। उन्होंने बताया कि देवालय में पू. स्वामी करपात्री महाराज श्रंगेरी, पू स्वामी शंकराचार्य महाराज कांचीकाम कोटी महापीठम, पू. स्वामी शंकराचार्य महाराज शारदा द्वारीकापीठ बद्रीकाश्रम के आशीर्वाद एवं अनंत कृपा से पूजित है। समिति द्वारा देवालय पर दोनों नवरात्रि में श्री दुर्गा सप्तशती के 108 महापाठों का अनुष्ठान वर्षों से लगातार किया जाता आ रहा है।

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