पटना 16 अप्रैल, भाकपा-माले विधायक दल के नेता का. महबूब आलम ने आज पूर्णिया में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर कहा प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य झूठ का पुलिंदा है. सीमांचल तथाकथित डबल इंजन की सरकार की उपेक्षा का लगातार दंश झेल रहा है. सीमांचल आज भी पलायन के भरोसे है. कोरोना काल में हमने प्रवासी मजदूरों के प्रति मोदी सरकार के घोर अमानवीय, मजदूर व सीमांचल विरोधी रवैये को देखा. प्रवासी मजदूरों की अविस्मरणीय त्रासदी के बावजूद आज तक उनके रोजी-रोजगार व जिंदगी की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं बना. आज तक सीमांचल के प्रवासी मजदूरों को एक पैसा का भी मुआवजा नहीं मिला. आम लोगों के लिए पेंशन की बात तो छोड़ ही दी जाए वृद्ध व अशक्त लोगों को भी केंद्र सरकार महज पांच सौ पेंशन दे रही है. नेहरू और इंदिरा जी के बाद कोसी - महानंदा प्रोजेक्ट फाइलों में उलझा रहा और यह परियोजना लूट का सफेद हाथी बना हुआ है. मोदी सरकार ने इस दिशा में एक कदम भी नही बढ़ाया. सीमांचल तीन दशकों से मक्का उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है लेकिन मक्का उत्पादकों को एमएसपी की कोई गारंटी नहीं है. मखाना नेताओं के जुबान पर खूब होता है लेकिन किसानों व मल्लाहों की पीड़ा की कोई समझ उन्हें नहीं है. एएमयू का सवाल लंबे समय से अटका हुआ है. वह एनडीए सरकार के कोपभाजन का शिकार हो गया है. कटिहार का ऐतिहासिक जूट मिल दम तोड़ चुका है. केंद्र व राज्य सरकार ने उसे मरने के लिए छोड़ दिया है. भूख से कराहते प्रदेश में खाद्य पदार्थांे से इथेनाॅल का उत्पादन करके बिहार सरकार अपनी पीठ न थपथपाए बल्कि उसने भुखमरी का और विस्तार कर दिया है. सीमांचल और पूरा बिहार मोदी सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. बिहार को अबतक न विशेष राज्य का दर्जा मिला न विशेष पैकेज. आखिर किस मुंह से मोदी आज वोट मांगने आए हैं.
मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
पटना : पलायन के भरोसे सीमांचल, मोदी का वक्तव्य झूठ का पुलिंदा : महबूब आलम
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें