- विश्वनाथ पुरी में संगीतमयी नौ दिवसीय श्री रामकथा का समापन, अखंड रामायण प्रारंभ
उक्त आषय के उदगार सुप्रसिद्ध श्री रामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी आश्रम सीहोर ने शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विष्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर शनिवार से नौ दिवसीय संगीतमयी श्री रामकथा के नवें दिवस कथा समापन के अवसर पर बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को रामरस में सराबोर करते हुए व्यक्त किए। महाराजश्री ने कहा कि बिना हनुमानजी के रामायण अधूरी है क्योंकि रामायण में चाहे सुग्रीव हो, विभीषण हो, लक्ष्मण हो, भरतजी हो, सीताजी हो या फिर भगवान श्रीराम ही क्यों न हो, सभी का हनुमानजी ने यथायोग्य कार्य बनाया, इसलिए भगवान ने रामायण में कहा है कि वे हनुमानजी के हमेषा ऋणी रहेंगे। जो अपने मान का हनन करे वो हैं हनुमान जी, हनुमान जी हमेषा सेवक बनकर और छोटे बनकर ही रहे भले ही रामायण के सारे अविष्वसनीय और दुर्गम काम श्री हनुमानजी ने किए किन्तु वे कभी अपनी प्रषंसा के अभिलाषी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जब नारद जी ने भगवान से पूछा कि आपके प्रिय भक्तों की सूची में हनुमानजी का नाम क्यों नहीं है तब भगवान ने कहा कि प्रिय भक्तों की सूची में उनका नाम है जो मेरा नाम जपा करते हैं और मेरी निजी डायरी में हनुमानजी और भरत केवल दो भक्तों के नाम है जिनका नाम मैं स्वयं जपा करता हूं। यह है हनुमानजी और भरतजी की महिमा। महाराजश्री ने कहा तुलसीदास जी जो रामचरित मानस जैसे महान ग्रंथ के रचियता हैं उन्हें भी हनुमानजी ने ही प्रभु श्रीराम के दर्षन कराए थे। पूरी रामकथा में हनुमानजी जप माला के उस सुमेरू की तरह है जो दोनों सिरों को जोडकर रखता है उसी प्रकार हनुमानजी ने भी पूरी रामकथा में अपनी अदभुत और विषेष भक्ति से सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि हमें भी सदा आत्म सराहना से और परनिंदा से बचकर रहना चाहिए। अपनी सुमधुर वाणी में महाराज जी ने कई भजन सुनाए जिन्हें सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। आज कथा के समापन अवसर पर श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर समिति ने महाराजश्री एवं उनकी संगीतज्ञ टीम का सम्मान किया। इस अवसर पर उन बच्चों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने सुन्दर ड्राइंग बनाकर महाराज श्री को भेंट की थी। समापन अवसर पर समिति के महिला मंडल ने भी महाराजश्री का स्वागत-सम्मान किया। समापन के पष्चात मंदिर में अखण्ड रामायण का पाठ प्रारंभ हो गया।
हनुमान जन्मोत्सव पर विशाल भण्डारा
हनुमान जन्मोत्सव पर श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर समिति द्वारा मंगलवार 23 अप्रैल को सायं 7 बजे से प्रतिवर्षानुसार विषाल भण्डारे का आयोजन किया गया है। मंगलवार श्री हनुमान जन्मोत्सव पर अखण्ड रामायण पाठ पूर्ण होने पर हवन, कन्या भोज के साथ ही सायंकाल विषाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा। समिति द्वारा भण्डारे की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। समिति के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में भण्डारे में आकर प्रसादी ग्रहण करने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी गत 13 अप्रैल शनिवार से 21 अप्रैल रविवार तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक नौ दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया गया । कथा में शहर श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी त्यागी आश्रम सीहोर द्वारा सभी भगवत जनों को रामकथा की रसास्वादन कराया। कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष पद श्री अमित नीखरा मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अनारसिंह चैहान, संरक्षक श्री कमलसिंह ठाकुर, मंदिर पुजारी पं. निर्मल शर्मा, पं. ओमप्रकाष शर्मा, मुकेष भावसार, गोपालदास अग्रवाल, राहुल वर्मा, कथा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष पंकज ठाकुर, संतोष परमार, सुमित गिरोेंदिया, सचिव मोहब्बतसिंह तोमर, कोषाध्यक्ष किषन राठौर, इंद्रजीतसिंह मामाजी, एमएस चैहान, आनंद अग्रवाल, शुभम मालवीय, मुकेष प्रजापति, चंद्रप्रताप ठाकुर, कृष्णा मेवाडा आदि अनेक समिति सदस्यों ने सभी धर्मप्रेमी जनों से अधिक से अधिक संख्या अखंड रामायण पाठ एवं विषाल भण्डारे में शामिल होकर प्रसादी ग्रहण करने की अपील की है।
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