सीहोर : हमें अपनी वास्तविकता को छुपाना नहीं चाहिए : उद्धवदास जी महाराज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 15 अप्रैल 2024

सीहोर : हमें अपनी वास्तविकता को छुपाना नहीं चाहिए : उद्धवदास जी महाराज

  • विष्वनाथ पुरी में संगीतमयी नौ दिवसीय श्री रामकथा का दूसरा दिन

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सीहोर,। जब भगवान भोलेनाथ का माता पार्वती से विवाह हुआ तब वे अपनी बारात लेकर अपने मूल स्वरूप में ही पहुंचे, इससे सब देवता उनकी बारात से पृथक होकर विवाह में पहुंचे किन्तु भोलेनाथ न केवल अपने स्वभाव से पहुंचे बल्कि बाराती भी अपने गणों को ही बनाकर ले गए, इस माध्यम से उन्होंने यह संदेष दिया कि आप अपनी प्रकृति और मूल स्वभाव को ज्यादा दिन किसी से छिपाकर नहीं रख सकते, जब भी आप अपनी वास्तविकता को छुपाकर कोई कार्य करोगे और जब असलियत सामने आएगी तब आप सामने वाले को कोई जवाब नहीं दे सकोगे। उक्त आषय के उदगार सुप्रसिद्ध श्री रामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी आश्रम सीहोर ने शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विष्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर शनिवार से नौ दिवसीय संगीतमयी श्री रामकथा के दूसरे दिवस बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को रामरस में सराबोर करते हुए व्यक्त किए। महाराजश्री ने कहा कि आजकल माता पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे सही रास्ते पर चले और सदगुण अपनाए किन्तु इसके लिए पहले माता-पिता को ही आदर्ष बनकर उदाहरण प्रस्तुत करना होगा बच्चे घर से ही ज्यादा सीखते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को चाहिए कि वे अपने माता-पिता का आदर करें और उनके द्वारा पालन-पोषण में किए गए त्याग को समझे, बच्चों को माता-पिता से कभी भी उंची आवाज में बात नहीं करना चाहिए। महाराज जी ने कहा कि दूसरों को तो समझाया जा सकता है किन्तु अपनों को समझाना कठिन है, इसी प्रकार भगवान भोलेनाथ भी माता पार्वती को न तो सती रूप में श्री राम की परीक्षा नहीं लेने को समझा पाए न पार्वती रूप में पिता के घर बिन बुलाए जाने से रोक पाए। उन्होंने प्रेम में वह शक्ति है कि वह सभी को बदल सकता है चाहे राक्षस ही क्यों न हो प्रेम उसका स्वभाव और सोच बदलने पर मजबूर कर सकता है। कथा में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह की झांकी बनाई गई और भगवान की बारात निकाली गई जिसमें सभी ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। अपनी सुमधुर वाणी में महाराज जी ने कई भजन सुनाए जिन्हें सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।

उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी गत 13 अप्रैल शनिवार से 21 अप्रैल रविवार तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक नौ दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में शहर श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी त्यागी आश्रम सीहोर द्वारा सभी भगवत जनों को रामकथा की रसास्वादन कराया जा रहा है। कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष पद श्री अमित नीखरा मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अनारसिंह चैहान, संरक्षक श्री कमलसिंह ठाकुर, पं. ओमप्रकाष शर्मा, एमएस परमार, मुकेष भावसार, इन्द्रजीतसिंह, महेन्द्रसिंह चैहान, गोपालदास अग्रवाल, भानुप्रसाद गौर, राहुल वर्मा, कथा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष पंकज ठाकुर, संतोष परमार, सुमित गिरोेंदिया, सचिव मोहब्बतसिंह तोमर, कोषाध्यक्ष किषन राठौर, आनंद अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी संजय भावसार सहित शुभम मालवीय, मुकेष प्रजापति ,मनोज दुबे, नीरज ठाकुर, संतोष दरबार आदि अनेक समिति सदस्यों ने सभी धर्मप्रेमी जनों से अधिक से अधिक संख्या में श्रीराम कथा में सम्मिलित होकर धर्मलाभ प्राप्त करने की अपील की है। कथा समापन के अगले दिन श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में अखंड रामायण का पाठ भी किया जाएगा जो 22 अप्रैल को प्रातः प्रारंभ होगा एवं 23 अप्रैल को समापन पष्चात हवन किया जाएगा। इसके साथ ही सायंकाल विषाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा।  

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