वाराणसी से हिन्दू सभा ने हिमांगी की दावेदारी लिया वापस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 16 अप्रैल 2024

वाराणसी से हिन्दू सभा ने हिमांगी की दावेदारी लिया वापस

  • हाल ही में हिन्दू महासभा ने वाराणसी सीट से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को अपना प्रत्याशी बनाया था

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वाराणसी (सुरेश गांधी), अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी सखी की दावेदारी वापस ले ली है। इसकी घोषणा हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने सोषल मीडिया के माध्यम से की है। उन्होंने बताया कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में उठाया गया है। हाल ही में हिन्दू महासभा ने वाराणसी सीट से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम फाइनल किया था. बता दें, अखिल भारत हिंदू महासभा की तरफ से प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के बाद से किन्नर हिमांगी सखी ने वाराणसी में डेरा डाल दिया था. पीएम मोदी को हिमांगी खुलकर चुनौती देना शुरू कर दिया था. लेकिन, अब हिंदू महासभा ने नाम वापस ले लिया है. हालांकि हिमांगी ने निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि वह यहां से जीतकर संसद पहुंचती हैं तो किन्नरों के लिए आवाज उठाएंगी. कहा, नामांकन के बाद वे काशी में चुनाव प्रचार भी शुरू करेंगी. उनका कहना है कि स्वामी चक्रपाणि महाराज के कहने पर ही उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, अब दावेदारी खत्म करने की बात उनके समझ से परे है।


अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि मैं दूसरी पार्टियों से भी और इंडिया गठबंधन से भी अपील करता हूं कि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में अपने उम्मीदवार हटा लेने चाहिए. क्योंकि जब पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव साउथ से चुनाव लड़े थे, तो उस वक्त उनके सम्मान में सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशी वापस लिए थे और वो उस वक्त निर्विरोध चुने गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में देश का डंका बजाया है. देश के गौरव और मान-सम्मान को बढ़ाया है. इसलिए हम निश्चित रुप से चाहते हैं कि सभी पार्टियों के लोग छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न दें. वो दूसरी जगह से अपने प्रत्याशी खड़ा करें. हमें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में काशी की धरती से अपने सभी प्रत्याशी को हटा लेना चाहिए. यह देश के जनमानस का सम्मान होगा. लोकतंत्र का सम्मान होगा। स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई पार्टियों का वैचारिक मतभेद हो सकता है. हमें खुद राम मंदिर के लिए निमंत्रण नहीं मिला. मैं मुख्य पक्षकार था, हमें ट्रस्ट में जगह देना तो दूर अयोध्या श्रीराम मंदिर के लिए निमंत्रण तक नहीं मिला. मुझे भी सरकार से कहीं न कहीं थोड़ा दुख है. लेकिन फिर भी ये सब चीजें छोटी हो जाती है, जब व्यापक रुप से हम सोचते हैं.

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