सीहोर : दो दिवसीय भगवान राम उत्सव धूमधाम से मनाया गया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024

सीहोर : दो दिवसीय भगवान राम उत्सव धूमधाम से मनाया गया

  • श्री गोंदन सरकार धाम हनुमान मंदिर में भव्य आयोजन

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सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी श्रीराम राम नवमी के पावन अवसर पर शहर के चाणक्यपुरी स्थित श्री गोंदन सरकारधाम पर दो दिवसीय दिव्य अनुष्ठान का आयोजन किया गया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया धाम पर हर साल भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव यहां पर मौजूद आस्थावान श्रद्धालुओं के द्वारा मनाया जाता है। दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत लगातार चौबीस घंटे तक श्रीराम चरित मानस का पाठ किया गया और उसके पश्चात भगवान श्रीराम का अभिषेक और प्रसादी का वितरण के अलावा कन्या भोज पुजारी मनीष शर्मा के द्वारा किया गया।  इसके अलावा लगातार नौ दिन तक दुर्गा सप्तशती हवन का आयोजन भी किया गया।


पंडित जितेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि त्रेता युग में जन्मे राम की महिमा का गुणगान कलयुग में करने से राम भक्त भविष्य में आने वाली हर विघ्न-बाधा को सफलतापूर्वक पार कर लेते हैं। मर्यादा में रहकर भवसागर से कैसे करना है, इसका उदाहरण राम चरित्र में मिलता है, फिर वह चाहें एक पुत्र की मर्यादा हो अथवा भाई की मर्यादा, पति की मर्यादा, क्षत्रिय धर्म की मर्यादा, मानवीय मूल्यों की मर्यादा, राजा की मर्यादा इत्यादि, सभी मर्यादाओं का पालन विषम परिस्थितियों में श्री राम जी ने कष्टों को सहते हुए किया। त्रेतायुग से लेकर कलियुग में आज भी श्री राम की मर्यादा सभी के लिए प्रासंगिक है। श्रीराम के समान राजा पृथ्वी पर न कोई हुआ है और न ही कभी होना ही सम्भव है क्योंकि राम ने राजधर्म निभाने के लिए अनेक त्याग किए। वाल्मीकि रामायण में वर्णन आता है, जब भगवान राम वन जाने लगे, तो महाराज दशरथ पुत्र वियोग के कारण अस्वस्थ्य हो गए, इस पर सभी माताओं ने श्रीराम को वन जाने से रोकना चाहा, परन्तु उन्होंने महान आदर्श प्रस्तुत करते हुए पिता से अधिक पिता के वचनों की मर्यादा रखी। राजधर्म के चलते उन्होंने अपनी प्राणप्रिय सीता का त्याग किया। हर व्यक्ति को जोड़ती है राम की शक्ति-सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में राम आज भी सर्वाधिक पूजनीय तथा सब देवताओं में पावन एवं पुरूषोत्तम हैं।

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