- नेताओं ने आपकी नसों में जाति और धर्म का इतना नशा घुसा दिया है कि आपको अपने बच्चों का दर्द दिखता ही नहीं है
वोट जिसे देना है दीजिए लेकिन वोट देते समय स्वार्थी बनिए, अपना और अपने बच्चों का स्वार्थ देखिए
प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आप दल बनाइए, बिहार में विकल्प नहीं था। आप आगे-आगे चलिए हम पीछे-पीछे चलेंगे। हमें आपका साथ नहीं चाहिए। भला आप हमारा साथ क्या दीजिएगा। आप तो वो लोग हैं जिन्होंने अपने बच्चों का साथ नहीं दिया। हम 17 महीने नहीं 17 साल चल लें फिर भी आप नहीं सुधरिएगा। नेताओं ने आपकी नसों में जाति और धर्म इतना घुसा दिया है कि आपको अपने बच्चों का दर्द भी नहीं दिख रहा है। इसलिए आपको एक रास्ता बता रहे हैं, वोट जिसे देना है दीजिए लेकिन अगली बार वोट देते समय स्वार्थी बनिए। अपना और अपने बच्चों का स्वार्थ देखिए। नेता आएंगे और कहेंगे देश के लिए वोट दो, कोई कहेगा अपनी जाति वाले को जीताना है इसलिए वोट दो, वोट जिसे भी देना है दो, जीवन में एक बार संकल्प लीजिए कि वोट अपने बच्चों के लिए दीजिए। जाति के लिए, नेताओं के लिए नहीं, किसी विचारधारा के लिए नहीं सिर्फ अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए। बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट दीजिए।
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