विचार : समय की महिमा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 13 मई 2024

विचार : समय की महिमा

time-precious
समय को इस सृष्टि की सबसे अनुपम और बलवती वस्तु माना गया है। जब समय यानी वक्त बदलता है तो इंसान को राजा से रंक और रंक से राजा बना देता है। इसके कहर से बड़े-बड़े राजा-महाराजा तक घबराते हैं। कहा जाता है कि समय एक अच्छा चिकित्सक भी है। यह बड़े से बड़े घाव को भरने में सक्षम है। तभी तो कहते हैं: "जिन्दगी चार दिन की है, दो दिन आपके हक में और दो दिन आपके खिलाफ! जिस दिन हक में हों तो श्रीमान, गुरूर मत कीजिए। जिस दिन खिलाफ हों तो थोड़ा सब्र जरूर कीजिए क्योंकि समय बड़े से बड़ा घाव तक भर सकता है।“


समय को भाग्य के पिताश्री की संज्ञा भी दी गयी है क्योंकि समय सभी चीजों और स्थितियों को नियंत्रित करता है। दूसरे शब्दों में समय के साथ सभी चीजें जुड़ी हुई हैं । समय कुछ भी बदल सकता है पर किसी के लिए कभी रुकता नहीं है। कहते है "आदमी अच्छा या बुरा नहीं होता बल्कि उसका समय अच्छा और बुरा होता है। जब समय अच्छा चल रहा होता है तो सब काम अपने आप अच्छे हो जाते है, लेकिन खराब समय शुरू होने के बाद बनते काम भी बिगड़ने लगते है। समय को एक अच्छा अध्यापक भी माना गया है ।यह हमें हमेशा सिखाता रहता है। स्कूल में हमें सीखने के बाद परीक्षा देनी पड़ती है लेकिन समय हमारी पहले परीक्षा लेता है और फिर सिखाता है। कहने का तात्पर्य है यह है कि समय महाबली है और वह ‘उचित-अनुचित’ की पूरी खबर रखता तथा समय आने पर ‘काल के कटघरे’ में सब को खड़ा कर देता है।अज्ञानी लोग काल की इस चाल को समझते नहीं हैं। जिस दिन समझने लगेंगे उस दिन से कोई भी बुरा काम नहीं करेंगे ।




—डॉ० शिबन कृष्ण रैणा—

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