विशेष : वाराणसी में मोदी ने 22 घंटे में सेट किया जीत की रिकार्ड का एजेंडा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 15 मई 2024

विशेष : वाराणसी में मोदी ने 22 घंटे में सेट किया जीत की रिकार्ड का एजेंडा

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नामांकन करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 घंटे रहकर बड़ा ’खेल’ कर गए। पहले रोड शो, फिर मां गंगा सप्तमी पूजन के बहाने गंगा आरती, बाबा विश्वनाथ धाम व कालभैरव दर्शन-पूजन के बाद नामांकन। नामांकन के दौरान एनडीए घटक दलों की मौजूदगी व विभिन्न टीवी चैनलों के साथ भावुक इंटरव्यू के जरिए मोदी ने अपनी ही जीत की रिकार्ड तोड़ने का एजेंडा सेट कर दिया। राजनीतिक विश्लेषक दयाराम यादव कहते है प्रधानमंत्री ने दस साल में विकास के जरिए न सिर्फ काशीवासियों का दिल जीतने में कामयाब रहे, बल्कि समय-समय पर काशी का मान बढाने के लिए वैश्विक स्तर पर भी इसकी पौराणिकता के जरिए ब्रांडिंग करते रहे। और जब माहौल चुनावी हो तो अपनी काबिलयत की गारंटी के बीच मां गंगा से लगाव और काशवासियों से जुड़ाव का जिक्र करना वे नहीं भूलते। खास बात यह है कि उनका लगाव या काशीवासियों के साथ अपनापन कोई दिखावा नहीं, बल्कि वो धरातल पर दिखता भी है। बात चाहे जन्मदिन मनाने की हो या कोई प्रयोजन या पर्व उनकी कोशिश होती है उसमें शरीक हो और नहीं हो पाते तो आने पर जिक्र कर ना पहुंच पाने की माफी मांगने से भी नहीं चूकते। शायद ही कोई ऐसा सांसद या प्रधानमंत्री हो जो अन्य प्रांत का होने के बावजूद 10 साल की अवधि में 45 से भी अधिक बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचकर 45 हजार करोड़ से भी अधिक के विकास कराएं हो। दयाराम के ही बगल में खड़े जफर हुसैन ने अमेठी रायबरेली का नाम लिए बगैर चुटकी लेते हुए कहा, कुछ लोग तीन से चार टर्म तक अपने संसदीय क्षेत्र का सांसद होने के बावजूद विकास तो छोड़िए अपने वोटरों के बीच पहुंच नहीं पाते। फिलहाल, मोदी का यह एजेंडा कितना सफल होगा या नहीं इसका पता तो 4 जून को चलेगा, लेकिन काशी में मोदी की जीत का रिकार्ड तोड़ने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोक रखी है, से इनकार नहीं किया जा सकता


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गंगा किनारे बनारस की सुबह नामवर तो है ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को रोड शो निकालकर यहां की शाम को भी यादगार बना दिया। यह मेगा रोड शो अद्भुत व अकल्पनीय था। अपने संसदीय क्षेत्र में तीसरी पारी खेलने पहुंचे मोदी के स्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिसने अब तक हुए सभी रोड शो के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। लंका से विश्वनाथ कॉरिडोर तक रोड शो के रूट पर लाखों निगाहें लगी थीं। विविध रंगों से सजी इस लंबी यात्रा को श्री काशी विश्वीनाथ धाम तक पहुंचने में ढाई घंटे से ज्यादा लग गए। पीएम मोदी के रोड शो में शामिल होकर पूरी काशी अभिभूत थी। पीएम मोदी के बनारसीपन से भरे मिजाज ने काशी का दिल जीत लिया। चार सौ पार का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोड शो में अपनी ताकत दिखा दी। काशी को भगवामय कर दिया। नामांकन से पूर्व उनके इस रोड शो ने संकेत दे दिया कि वाराणसी ही नहीं, संपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी भगवा फहराएगा। बीएचयू गेट के सामने लंका चौराहे पर मोदी की अगवानी के लिए चिलचिलाती धूप में भी लोग पूरे उत्साह से जमे थे। गेट से शुरू हुए पीएम मोदी के रोड शो में पीएम के गाड़ी के आगे साफा पगड़ी पहने हुए हजारों के संख्या में महिलाएं चल रही थी। जिनके हाथों में कमल का फूल की आकृति से बनी टार्च ली हुई थी। महिलाओं के आगे युवा मोर्चा के कार्यकर्ता एवं उनके आगे मैं हूं मोदी का परिवार प्रिंट हुई टी-शर्ट पहने हुए सैकड़ों की संख्या में खिलाड़ी चल रहे थे। मालवीय प्रतिमा से लेकर काशी विश्वनाथ धाम तक कुल 11 बीट एवं उनके प्रमुख बनाए गये थे। इन 11 बीट के अन्तर्गत 100 से अधिक प्वाइंट बनाए गये थे। माहेश्वरी समाज द्वारा रंगिलो मारो ढोलना पर राजस्थानी नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी थी। मदनपुरा से जंगमबाडी तक पद्मश्री डॉ सोमा घोष ने अपने सुमधुर गायन की प्रस्तुति दी एवं बनारसी वस्त्र उद्योग द्वारा पीएम मोदी का स्वागत किया। गौदोलिया चौराहे से काशी विश्वनाथ मंदिर तक मराठी समाज, गुजराती समाज, केसरवानी समाज आदि ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके साथ ही शंखनाद, डमरू दल, नाद स्वर, आदि की प्रस्तुति दी।


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रोड शो का अविश्वसनीय नजारा था. सड़क के दोनों ओर जनसैलाब उमड़ पड़ा था। जनता के इस प्यार और समर्पण को देख मोदी की आंखों में उम्मीदों के उजाले से विकसित भारत के प्रतिबिंब उभर आए थे। उनका कारवां अस्सी की ओर जब मुड़ा मोदी-मोदी के नारे से पूरा इलाका गूंज उठा। मोबाइल में एक फोटो कैद करने के लिए युवा बेताब नजर आए। पीएम मोदी सड़कों के दोनों ओर खड़े और छत की मुंडेरों से झांक रहीं महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों से हाथ हिलाकर अभिवादन किया. लोग फूल बरसा रहे थे. वहीं, पीएम मोदी अपने ऊपर बरस रही गुलाब की पंखुड़ियों को हाथ से हटा रहे थे. जहां तक नजर जा रही थी, बस सिर ही सिर नजर आ रहे थे. कोई केसरिया टी-शर्ट व टोपी पहने था तो कोई पगड़ी बांधे चल रही था. रोड शो का यह विहंगम दृश्य था. पीएम मोदी की भावुकता चेहरे पर झलक रही थी. जयघोष लगाती काशी बोली ’हर दिल में है मोदी’। जनता ने अपना प्यार झलकाकर पीएम मोदी को साफ संकेत दे दिए. सोनारपुरा में तो अद़भुत मंजर था. उत्साह का आलम देखते ही बन रहा था. मुसलमानों की बड़ी आबादी वाले मदनपुरा में गंगा-जमुनी तहजीब जिंदा हो गई. पीएम मोदी की अगवानी में मुस्लिम समाज भी पीछे नहीं था. काशी में लघु भारत को समेटे विभिन्नल समाज के लोग अति उत्सामहित थे. तीसरी बार पीएम बनाने के लिए वे रोड शो के रूट पर डटे रहे. मुस्लिमों ने कहा कि यह मोदी के भरोसे की जीत है क्योंकि उन्होंने बिना भेदभाव काम किया. सबसे दिलचस्प तो यह कि मुसलमान भाजपा की टोपी लगाए थे और गले में पटका भी पहने थे. फूलों से नहाए मोदी को रोशनी भी गले लगा रही थी।


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मतलब साफ है ढाई घंटे के रोड शो व नामांकन में एनडीए घटक दलों के नेताओं की मौजूदगी के जरिये मोदी ने काशी ही नहीं, पूरे देश के जातीय, सामाजिक, पौराणिक और आध्यात्मिक समीकरणों को साधा है। प्रधानमंत्री के रोड शो में सिर्फ काशी नहीं, समूचा भारत दिखाई दे रहा था। जगह-जगह व्यापारी, रैदास समाज के लोग और दंडी स्वामी, मठ, मंदिरों से जुड़े लोग और संन्यासी, बटुक ने स्वागत किया तो कबीरपंथ से जुड़े के लोगों ने भजन गाए। गुरुकुल की छात्राओं के अलावा वीर शैव संप्रदाय के लोग व दक्षिण भारत के लोगों ने वाद्य यंत्र बजाए तो नेपाली समुदाय ने भी पीएम का स्वागत किया। करीब तीन हजार से अधिक छोटे-बड़े कटआउट में काशी नरेश, पंडित मदन मोहन मालवीय, बिस्मिल्लाह खां, पंडित किशन महाराज, तुलसीदास, कबीर दास, संत रैदास भी थे। इन्हीं सभी को काशी का आधार माना जाता है। इन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों के माध्यम से काशी का नाम पूरे देश में विख्यात किया। काशी विश्वनाथ भी दिखाई दिए तो काशी की पुरानी तस्वीरें और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद काशी में हुए विकास कार्य जैसे विश्वनाथ कॉरिडोर, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, टीएफसी, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, कैंसर अस्पताल, गंगा के घाट और अन्य तस्वीरें समाहित थी। वहीं भावुकता का टच भी ऐसी कई तस्वीरों में दिखा जिसमें प्रधानमंत्री को उनकी मां दुलार रही हैं, आशीर्वाद दे रही हैं।


रोडशो में शामिल लोगों के हाथों में हमार काशी हमार मोदी का पोस्टर चर्चा का विषय बना रहा। बैनर में पीएम मोदी हाथ में त्रिशूल लेकर खड़े हैं और भगवान भोले शंकर के डमरू की आकृति भी उकेरी गई है। ठेठ बनारसी में लिखे गए हमार काशी हमार मोदी को लेकर काशीवासी खुशी जताते हुए देखे गए। नामांकन दाखिल करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक सीट के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात है। पीएम ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से पिछले दशक में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। आने वाले समय में काम की गति में और तेजी आएगी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में कहा गया है कि आज काशी में हमारे मूल्यवान एनडीए सहयोगियों की उपस्थिति से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हमारा गठबंधन राष्ट्रीय विकास और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। हम आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। बात जब जातीय समीकरण की हो तो उसमें भी एनडीए घटक दलों की मौजूदगी इस बात की पुष्टि करता है कि यसह सब पूर्वांचल को साधने की रणनीति थी। सिर्फ बनारस की बात करें तो करीब 3.5 लाख मुस्लिम, 3 लाख से अधिक ब्राह्मण, 2.5 से अधिक गैर यादव ओबीसी, 2 लाख कुर्मी, 2 लाख वैश्य, 1.5 लाख से अधिक भूमिहार और 1.5 लाख के करीब यादव और सवा लाख अनुसूचित जातियों के वोटर हैं और इन्हे भी इस रोडशो व दिग्गज नेताओं के जरिए साधा गया है।


मोदी का काशी से लगाव का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है जब पीएम मोदी का रोड शो तुलसी द्वार से होकर गुजर रहा था। वहां अदिति अग्रवाल पहले से ही हैंडमेड पेपर पर पीएम मोदी की बनाई चित्र लेकर खड़ी थीं। इस पर जब पीएम की नजर पड़ी तो अपने वाहन से ही पूछा क्या आपने यह पेंटिंग बनाई है? इस पर अदिति ने हां कहा। इसके बाद पीएम ने शाबाशी का ईशारा किया और अपने सुरक्षाकर्मियों से वह पेंटिंग मंगाई। दशाश्वमेघ घाट के अदिति सनबीम कॉलेज फॉर वूमेन भगवानपुर में बीकॉम की छात्रा हैं। बचपन से ही पेंटिंग में रूचि रही है। वह तुलसी द्वार पर हस्तशिल्पी बिहारी लाल अग्रवाल, शुभी अग्रवाल व अन्य काष्ठ कला शिल्पियों के ग्रुप के साथ साथ खड़ी थी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मेरी पेंटिंग की प्रशंसा की, इससे मैं बहुत खुश हूं। यह तो सपने जैसा है। इससे अब उत्साह बढ़ा है और वह पेंटिंग में और बेहतर करेंगी। पीएम मोदी के अंतर्मन में यह भाव भी है कि गंगा ने उन्हें गोद लिया है। वह पहले ऐसा कह चुके हैं और रोड शो के बाद भी उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आपके स्नेह की छांव में दस वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला। तब मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। आज मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है’। हालांकि, पीएम यह भी कह चुके हैं, ‘पहली बार से अब तक जितने भी नामांकन किए, मां के पैर छूकर जाता रहा। यह मेरी जिंदगी का पहला चुनाव है जब मैं मां का पैर छुए बिना जाऊंगा। लेकिन मन में भाव भी आता है कि 140 करोड़ के देश की करोड़ों माताएं हैं, उन्होंने जिस प्रकार से मुझे प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया है, उनका स्मरण करके जाऊंगा और फिर मां गंगा तो हैं ही’।







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सुरेश गांधी

वरिष्ठ पत्रकार 

वाराणसी

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