शहर के बीच से निकली सीवन नदी लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रही थी। इसके बाद भी सीवन नदी की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। हर साल बारिश के पानी के साथ आने वाली मिट्टी धीरे-धीरे गाद बनकर नदी की गहराई कम होने लगी। उथली होती नदी में जलभराव की मात्रा लगातार कम होती चली जा रही थी, लेकिन इसकी ध्यान नहीं गया था, लेकिन वर्तमान परिषद का भागीरथ प्रयास की लोग प्रशंसा कर रहे है। कई लोग जनभागीदारी के साथ सहयोग करने को तैयार है। जिससे आगामी दिनों में सीवन नदी का गहरीकरण के साथ सौंदर्यीकरण हो सकेगा। वर्षों से शहरवासियों की जीवनदायनी पर ध्यान नहीं दिया गया है, परिणाम स्वरूप सीवन नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। सीवन की अनदेखी के चलते इस समय पूरी नदी जलकुंभी से पटी है। पानी तो जैसे दिखाई ही नहीं देता है। घाटों की दुर्दशा होती चली गई और नदी कचरे से पट गई। लगातार अनदेखी के चलते वर्तमान में महिला घाट, पुरुष घाट, चद्दर पुल, बकरी पुल के पास जुलकुंभी ही नजर आ रही है। इसको लेकर नपाध्यक्ष श्री राठौर का प्रयास जारी है। इस वर्ष अल्प बारिश के कारण सीवन नदी पहले ही दम तोड़ गई है, बारिश होने से पहले इसका गहरीकरण हो जाएगा तो नदी एक बार फिर से अपने प्राचीन स्वरूप में लबालब होकर बहती नजर आएगी।
शनिवार, 18 मई 2024
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सीहोर : नपाध्यक्ष प्रिंस राठौर की पहल पर सीवन नदी के गहरीकरण का काम शुरू
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