- प्रभू तो भक्तिभाव के भूखे है केले के छिलकों के भोग से भी हो जाते है प्रसन्न : रविशंकर तिवारी
पंडित श्री तिवारी ने भगवान की महीमा बताते हुए आगे कहा कि महाभारत जैसे विनाशकारी युद्ध को रोकने के लिए भगवान श्रीकृष्ण पांडवों के दूत बनकर युर्योधन के महल में पहुचे थे यह पर उन्होने केवल पांच गांव पांडवों के लिए मांगे थे लेकिन मामा शकुनी के कहने पर युर्योधन ने भगवान का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। युर्योधन ने श्रीकृष्ण को भोजन के लिए आमंत्रित किया सवा करोड़ के पकवान बनवाए लेकिन भगवान ने भोजन नहीं किया और अपने भक्त विदुरजी के घर पर बिना बुलाए भोजन करने चले गए तब विदुररानी ने भक्तिभाव में आकर भगवान को केले के छिलके ही खिला दिए भगवान ने भी विदुररानी की श्रद्धाभक्ति से प्रसन्न होकर छिलके ही ग्रहण कर लिए भगवान भक्तिभाव के भूखे है। श्रीमद भागवात कथा के दौरान पंडित हरीश तिवारी ने बताया की नृसिंह जयंती महोत्सव के अंतर्गत मंदिर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है कथा दोपहर तीन बजे से शाम छ बजे तक हो रही है शुक्रवार शाम को श्रीखाटू श्याम भजन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन सम्मिलित हुए।
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