- पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन
- पिछले साल जून के मुकाबले इस माह बिजली की खपत 600 के मुकाबले 804 मेगावाट हो गयी है
बता दें, वाराणसी में बिजली खपत का बढ़ गयी है। पिछले साल जून में जहां लगभग 600 मेगावाट बिजली की खपत होती थी, अब 804 मेगावाट की डिमांड हो गयी है। खास बात यह है कि मोहल्ले का ट्रांसफार्मर खराब होने पर अब रात अंधेरे में गुजारने की नौबत नहीं आती। ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में महज पांच से छह घंटे में ही इसे दुरुस्त कर चार्ज कर दिया जाता है। बिजली वितरण निगम अपने ट्रांसफार्मर मरम्मत केन्द्र (टीआरडब्ल्यू) को समय-समय पर अपग्रेड करती रहती है। टीआरडब्ल्यू में जल्द ही मशीनों के जरिए ट्रांसफार्मरों की मरम्मत हो जाती है। नए तकनीकी मशीन के जरिए ट्रांसफार्मर मरम्मत के बाद अब इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। मरम्मत कार्य के दौरान ही ट्रांसफार्मर को चार्ज कर लिया जाता है। जबकि पहले इस प्रक्रिया में 6 से 8 घंटों का वक्त लगता था। वही ट्रांसफार्मर का क्वायल बांधने ओर इसे सुखाने में 8 से 10 घंटों का वक्त लगता था। नयी तकनीकी मशीन के जरिए खराब ट्रांसफार्मर के उस हिस्से की मरम्मत कर दी जाती है। अब पूरे ट्रांसफार्मर का क्वायल बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
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