वाराणसी : ट्रांसफार्मरों की नवीनतम तकनीकी की देंगे जानकारी : शंभु कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 जून 2024

वाराणसी : ट्रांसफार्मरों की नवीनतम तकनीकी की देंगे जानकारी : शंभु कुमार

  • पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन 
  • पिछले साल जून के मुकाबले इस माह बिजली की खपत 600 के मुकाबले 804 मेगावाट हो गयी है

Varanasi-electricity
वाराणसी (सुरेश गांधी) पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तत्वावधान में भिखारीपुर कालोनी स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय के शिवशक्ति सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर आईईईएमए की ओर से वितरण ट्रांसफार्मरों के डिजाइन पहलुओं, आधुनिक रुझानों, अनुप्रयोगों, स्थापना, संचालन और रखरखाव की जानकारी दी गयी। पूर्वांचल-डिस्कॉम के एमडी शंभु कुमार ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य वितरण ट्रांसफार्मरों की नवीनतम तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना है, जिससे डिस्कॉम के कर्मचारियों की दक्षता और सेवा गुणवत्ता और बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा वितरण ट्रांसफार्मरों के डिज़ाइन, स्थापना, संचालन और रखरखाव के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान और प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को नवीनतम प्रौद्योगिकी और उपकरणों के उपयोग के बारे में भी अवगत कराया जाएगा, जिससे वे अपने कार्य क्षेत्र में और अधिक कुशलता से कार्य कर सकें। इस अवसर पर निदेशक तकनीकी जितेन्द्र नलवाया, निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन रवीन्द्र कुमार जैन, अतुल प्रताप सिंह, आशिश विक्रम, रिशभ जोशी समेत कई अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।


बता दें, वाराणसी में बिजली खपत का बढ़ गयी है। पिछले साल जून में जहां लगभग 600 मेगावाट बिजली की खपत होती थी, अब 804 मेगावाट की डिमांड हो गयी है। खास बात यह है कि मोहल्ले का ट्रांसफार्मर खराब होने पर अब रात अंधेरे में गुजारने की नौबत नहीं आती। ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में महज पांच से छह घंटे में ही इसे दुरुस्त कर चार्ज कर दिया जाता है। बिजली वितरण निगम अपने ट्रांसफार्मर मरम्मत केन्द्र (टीआरडब्ल्यू) को समय-समय पर अपग्रेड करती रहती है। टीआरडब्ल्यू में जल्द ही मशीनों के जरिए ट्रांसफार्मरों की मरम्मत हो जाती है। नए तकनीकी मशीन के जरिए ट्रांसफार्मर मरम्मत के बाद अब इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। मरम्मत कार्य के दौरान ही ट्रांसफार्मर को चार्ज कर लिया जाता है। जबकि पहले इस प्रक्रिया में 6 से 8 घंटों का वक्त लगता था। वही ट्रांसफार्मर का क्वायल बांधने ओर इसे सुखाने में 8 से 10 घंटों का वक्त लगता था। नयी तकनीकी मशीन के जरिए खराब ट्रांसफार्मर के उस हिस्से की मरम्मत कर दी जाती है। अब पूरे ट्रांसफार्मर का क्वायल बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

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