- माले की जीत हिंदी पट्टी में वामपंथ के नए उभार का वाहक बनेगी
- 2024 का जनादेश भाजपा के खिलाफ, 30 सीटों पर मामूली अंतर से जीता एनडीए
- मोदी-3 सरकार में एक भी मुस्लिम चेहरा का नहीं होना चिंताजनक
2024 का जनादेश भाजपा के खिलाफ है, लेकिन सत्ता का बेजा इस्तेमाल करते हुए एनडीए किसी प्रकार से सरकार बनाने में सफल हुआ है. ‘विपक्ष मुक्त लोकतंत्र’ बनाने की भाजपा की कुटिल चाल स्पष्ट तौर असफल हो चुकी है. इंडिया गठबंधन एक मजबूत विपक्ष के बतौर उभरा है. हालांकि 2024 के चुनाव परिणाम ने मुस्लिम विरोधी भाजपा के ध्रुवीकरण के प्रयासों को खारिज किया है, विशेष तौर पर यूपी में, लेकिन जो चीज अभी भी कायम है, वह है भाजपा और एनडीए का अल्पसंख्यक विरोध. न केवल भाजपा बल्कि पूरे एनडीए से एक भी मुस्लिम, ईसाई या सिख सांसद नहीं है. मोदी-3 सरकार में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है. भाजपा के खिलाफ जो व्यापक लहर थी, उसमें भाजपा व एनडीए को और भी बड़ा झटका लगना चाहिए था. करीब 30 सीटों पर उसे बेहद कम अंतर से जीत मिली है. इनमें मतगणना में गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता. कुल मिलाकर चुनाव में कड़ी टक्कर रही.
बिहार में लड़ी गई तीन सीटों पर माले ने 2 पर जीत हासिल की है, जबकि पार्टी ने अपनी समीक्षा में कहा है कि नालंदा में हार के बावजूद पार्टी उम्मीदवार को जनता के प्रत्येक हिस्से का जबरदस्त समर्थन मिला और पार्टी की साख बढ़ी है. बिहार के चुनाव परिणाम को लेकर इंडिया गठबंधन को भी तत्काल समीक्षा बैठक बुलानी चाहिए. गठबंधन को अपेक्षाकृत सीटें नहीं मिली. शाहाबाद, मगध व सीमांचल में तो इंडिया गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अन्य इलाकों में प्रदर्शन बेहद चिंताजनक है. इंडिया गठबंधन को इसका सामूहिक विश्लेषण करना चाहिए, स्थितियों का एक बेहतर आकलन और आने वाले दिनों में उचित कार्यनीति बनाना चाहिए. बैठक में दरभंगा के देवरा बंधौली कांड में भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा के भूमिका की जांच की मांग की गई. विदित हो कि चुनाव के दिन भाजपा विधायक द्वारा दंगा भड़काने की नियत से बूथ के अंदर घुसकर मुस्लिम महिला मतदाताओं के साथ बदतमीजी की गई थी, वोट से वंचित करने की साजिश रची गई थी और उलटे थाना पर दबाव बनाकर दो-दो फर्जी एफआईर दर्ज करा दिया गया था. भाकपा-माले भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा पर कार्रवाई की जाए. भाकपा-माले ने कहा है कि नीट की परीक्षा में भारी घोटाला व धांधली लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. एनटीए ने बार-बार साबित किया है कि वह कोई भी परीक्षा कराने में असमर्थ है. इस माॅडल को तुरंत वापस लेना चाहिए. नीट की पुनःपरीक्षा ली जानी चाहिए और घोटाले की जांच होनी चाहिए.
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