वाराणसी : जुलाई में चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान, घर के अंदर खोजे जाएंगे मच्छर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 जून 2024

वाराणसी : जुलाई में चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान, घर के अंदर खोजे जाएंगे मच्छर

  • विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह में किसी भी विभाग की शिथिलता व लापरवाही क्षम्य नहीं होगी : डीएम एस राजलिंगम
  • वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अभी से शुरु हो अंतर्विभागीय टास्कफोर्स की बैठकें
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के संतोषजनक कार्य न होने पर बड़ागांव व हरहुआ के सीडीपीओ का वेतन रोकने का निर्देश  

Mosquito-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी) अब जल्द ही मानसून का आगाज होने वाला है। मानसून आने के साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियां उत्पन्न होती है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी संचारी रोगों से बचाव को लेकर संचारी नियंत्रण रोग अभियान और दस्तक अभियान एक जुलाई से शुरु किया जाएगा। अभियान में मच्छर जनित बीमारियों से बचाव पर फोकस रहेगा। इस दौरान एंटीलार्वा का छिड़काव और फागिंग भी कराई जाएगी। टीमें घर घर जाकर मच्छरों को खोजेंगी। साथ ही डेंगू-मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारी के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। अभियान की तैयारियों को लेकर बुधवार को विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अध्यक्षता एवं मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की देखरेख में जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय टास्क फोर्स बैठक आयोजित की गई। इस दौरान जिला अधिकारी ने माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा हैं कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों को मच्छरजनित परिस्थितियों के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही साथ संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार आदि बीमारियों के प्रसार के रोकथाम पर भी जानकारी देंगे। अभियान की शुरुवात आगामी एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण और 17 जुलाई से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। साथ ही ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। मच्छरों के प्रजनन एवं घनत्व की स्थिति पर निगरानी रखी जाए। हाई रिस्क एरिया में अंतर्विभागीय सहयोग के साथ सघन वाहक और मच्छर नियंत्रण गतिविधियों पर नजर रखी जाए। जिलाधिकरी ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएं। अभियान की मॉनिटरिंग की रूपरेखा का आंकलन किया जाए। 11 से 31 जुलाई के मध्य फ्रंटलाइन वर्कर्स के प्रशिक्षण में रोगियों की सर्विलांस के विषय में विस्तार से जानकारी दी जाएं। इसके अलावा इसके अलावा घर-घर दस्तक अभियान (दरवाजा खटखटाना) चलाया जाएं। विद्यालयों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाए। साथ ही शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए। पशु बाड़ों एवं सूअर बाड़ों को आबादी से दूर स्थापित कर वहां सफाई की व्यवस्था की जाए। दस्तक अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स के द्वारा चिन्हित किए गए लक्षण युक्त लोगों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाए। शहरों और ग्रामीणों में झाड़ियों की कटाई की जाए।


जिलाधिकारी ने अभियान की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग समेत सभी 13 सहयोगी विभागों से विस्तृत जानकारी भी लिया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को हिदायत भी दी है कि इस अभियान में किसी भी विभाग के अधिकारी की शिथिलता को क्षमा नहीं किया जाएगा। माइक्रोप्लान के अनुसार शत-प्रतिशत कार्य का सम्पादन करें। इसी साल अप्रैल में चलाये गए संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बड़ागांव एवं हरहुआ ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा संतोषजनक कार्य न करने पर दोनों ब्लॉक के सीडीपीओ का वेतन अवरुद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग डाटा फीडिंग और मॉनिटरिंग पर ध्यान दें। जिलाधिकारी ने हॉट स्पॉट क्षेत्रों, घनी आबादी व अन्य मलिन बस्तियों में एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग आदि का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से ही संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन किया जाए। दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स वेक्टर जनित एवं संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करें। अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों बारे में बतायें और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी भी दें। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करें। सभी विभाग अगले सप्ताह माइक्रोप्लान भेजना सुनिश्चित करें, जिससे अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सके।


खाद्य विभाग को निर्देशित किया कि जनपद के रेस्टोरेन्ट, मिठाई की दुकानों और स्ट्रीट फूड के खाद्य सामग्रियों के गुणवत्ता की नियमित जांच करें, जिससे लोगों को फूड पोइजनिंग से बचाया जा सके। शिक्षा विभाग के द्वारा समस्त स्कूलों और विद्यालयों में जन जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाए। नगर विकास, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों के द्वारा मच्छरों के घनत्व को न्यून करने के लिए सभी आवश्यक गतिविधियाँ निरंतर संपादित की जाएं। समस्त ग्राम प्रधान, सचिव और पंचायत सहायक का संवेदीकरण और प्रशिक्षण दिया जाए। ब्लॉक स्तर पर होने वाली सभी बैठकों और प्रशिक्षण में सभी अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहें। दस्तक अभियान में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा काउन्सलिन्ग पर ज़ोर दिया जाए। सीएचसी व पीएचसी स्तर पर ही डेंगू आदि के मरीजों को तत्काल प्रभाव से उपचार प्रदान किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी विभागों को शासन से प्राप्त निर्देशों के बारे में अवगत कराया गया। समस्त रिपोर्ट को ई-कवच पोर्टल पर फीड किया जाएगा और परिवार के सभी सदस्यों की आभा आईडी जेनरेट की जाएगी। इसकी नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग भी की जाएगी। सीएमओ ने संचारी रोग नियंत्रण माह अभियान के साथ ही एक जुलाई से शुरू होने वाले ‘स्टॉप डायरिया नियंत्रण अभियान’ के बारे में अवगत कराया। यह अभियान दो माह तक चलेगा। बैठक में एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया, जिला मलेरिया अधिकारी एससी पाण्डेय, अपर व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारी व कर्मी, समस्त ब्लॉक के अधीक्षक व एमओआईसी, सीडीपीओ, बायोलोजिस्ट, अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी सहित सहयोगी संस्था यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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