- ऐप्सो ने किया हिरोशिमा दिवस का आयोजन
पटना। अखिल भारतीय शांति व एकजुटता संगठन ( ऐप्सो) के दिवस मौके पर विमर्श का आयोजन ' साम्राज्यवाद , युद्ध और नाभिकीय निःशस्त्रीकरण के लिए संघर्ष ' का आयोजन किया गया। इस विमर्श में पटना शहर के बुद्धिजीवी, सांस्कृतिकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता आदि मौजूद थे। इस कार्यक्रम का संचालन ऐप्सो के पटना जिला महासचिव जयप्रकाश ने किया। तंजीम-ए-इंसाफ के इरफान अहमद फातमी ने अपने वक्तव्य में कहा " अमेरिका में जो संसाधन इजराइल को नहीं मारा गया बल्कि सद्दाम को मारा गया । इन्सान कि नैतिकता का पतन कितनी तेजी से हुआ है। यासिर अराफात के एक आवाज़ से सैनिक हमला होता था । वहीं दूसरी ओर भारत में सारे किसान,मजदूर एक लाईन में खड़े नज़र आते थे ।और कहते थे यह गलत हो रहा है । वर्तमान समय तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा है । शांति तभी संभव है जब इंसान खुद अपने आप को आजाद और खुद मुख्तार तौर तरीके से अपने मुल्क में रहेगा । "
पटना विश्विद्यालय में लोक प्रशासन के प्रो सुधीर ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा " दुनिया बारुद के ढ़ेर पर खड़ा है । तीसरा विश्वयुद्ध तो होगा लेकिन चतुर्थ विश्वयुद्ध नहीं होगा । वित्तीय पूंजी के वर्चस्व के खिलाफ मार्क्स के तौर तरीकों को अपनाना पड़ेगा ।" ऐप्सो के पटना जिला कमिटी सदस्य और शिक्षाविद रौशन कुमार ने अमरीका, चीन सहित दुनिया के कई देशों की चर्चा करते हुए बताया " आज साम्राज्यवाद युद्ध का सबसे बड़ा पोषक बना हुआ है। वह युद्ध के बगैर नहीं जीवित रह सकता है। हथियार का कारोबार युद्ध को बढ़ावा देता है। शस्त्र खरीदने की होड़ आज अमेरिका के कारण बढ़ गया है। दुनिया भर में लगातार युद का खतरा बना हुआ है । हिरोशिमा पर परमाणु के बिस्फोट को उसकी पीढ़ियों को भी प्रभावित किया। बच्चे अपंग पैदा होते हैं। " ऐप्सो के जिला अध्यक्ष मंडली के सद्स्य और शिक्षाविद कुमार सर्वेश शिक्षाविद ने जयशंकर प्रसाद, दिनकर की कविताओं के उद्धरण देते हुए बताया " दिनकर ने 'कुरुक्षेत्र ' में कामायनी में जयशंकर प्रसाद ने युद्ध की विभीषिका को उठाया है। आज दुनियाया में एन.पी.टी और सी.टी.बी.टी की चर्चा नहीं होती। परमाणु अप्रसार संधि और नाभिकीय निःशस्त्रीकरण की कोई बात भी नहीं करना चाहता। भारत ने नाभीकाय संपन्न देश होते हुए भी बहुत जिम्मेवारी के साथ अपनी भूमिका निभाता है। आज जो हाशिए के तत्व हैं वह हमेशा वहीं रहेंगे। दुनिया में आज शांति का सवाल बेहद कठिन हो गया है। भारत, चीन को लेकर कुंठा में है जैसा पाकिस्तान भारत को लेकर है ।"
संस्कृति कर्मी अनिल अंशुमन के अनुसार " आज जो कुछ भी पूरी दुनिया में हो रहा है उसपर हमें गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। " सामाजिक कार्यकर्ता उदयन के अनुसार " बच्चों के दिमाग में उसके बालपन से ही हिंसा की मनोवृत्ति को बढ़ावा दिया जाता है। एक बच्चा अठारह साल की उम्र तक डेढ़ लाख से अधिक हत्या देख चुका होता है। आज समुद्र में खुदाई कर परमाणु बम का विस्फोट कराया जाता है परिणामस्वरूप पानी का बहाव आकर शहरों को बर्बाद कर देता है।" विमर्श में पी एम सी एच में कार्यरत डॉ अंकित, सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रभूषण ने भी संबोधित किया । युवा रंगकर्मी राजू कुमार ने अपनी एक कविता का पाठ भी किया। अध्यक्षीय संबोधन करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ के नेता भोला पासवान ने कहा " वर्तमान समय में देखते हैं बच्चे गेम के जरिये कुछ ही सेकेंड में कई लोगों को धाराशायी कर देता है । अर्थात् किस तरह बच्चों की मानसिकता की नैतिकता को जन्म दे रही है।" कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोगों में थे अनीश अंकुर, सीमा सिंह, कौशल किशोर झा, मनोज कुमार, अनिल रजक, भोला शर्मा, गौतम गुलाल, हरेंद्र कुमार , विश्वजीत कुमार , अभिषेक, निखिल कुमार झा आदि।
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