माले राज्य सचिव ने कहा कि जिन लोगों के भरोसे राज्य की गरीब जनता को स्वास्थ्य सेवाएँ- सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं उन स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति बेहद खराब है. यह बहुत चिन्ताजनक है. अभी एएनएम-एनएचएम कर्मियों के लिए कार्य अवधि में FRAS विधि से तीन बार हाजिरी दर्ज करने का स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. यह अमानवीय और अव्यवहारिक है. यह कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर बनाने की कोशिश है. इसी के खिलाफ़ विगत 22 जुलाई से हड़ताल चल रही है लेकिन सरकार संवेदनहीन रुख अपनाए हुए है. FRAS में संशोधन करने सहित उनकी 7 सूत्री मांगों पर सरकार अविलंब सम्मानजनक वार्ता करे, उनकी मांगों को पूरा करे और जनता के हित में हड़ताल समाप्त करवाए.
पटना/ 30अगस्त (रजनीश के झा), भाकपा- माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि FRAS आदेश को वापस लेने, समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी करने, चार माह के बकाये मानदेय का भुगतान करने, सभी NHM कर्मियों की सेवा नियमित करने, ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रबंध करने, खाली पदों पर स्थायी नियुक्ति करने, स्वास्थ्य केंद्रों पर जन-सुविधाओं का प्रबन्ध करने की सात सूत्री मांग पर NHM में काम करने वाले हजारों स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का हमारी पार्टी समर्थन करती है.
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