बंगला देश में जिस तरह से हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, उनके घर जलाये जा रहे हैं,उनकी बहू-बेटियों को अगवा किया जा रहा है, उसको देखकर 1990 के आसपास कश्मीर में पंडितों/हिन्दुओं के साथ ऐसे ही पिशाच-तांडव की याद ताज़ा हो रही है। कश्मीर में जब पृथकतावादियों और कट्टरपंथियों को लगा कि उनकी आज़ादी की मांग कमज़ोर पड़ रही है तो अपना रोष वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर निकाला। बंगला देश में भी जन-आक्रोश का मूल मुद्दा आरक्षण था जिसपर वहां की सर्वोच्च अदालत ने रोक भी लगा दी थी और शेख हसीना देश छोड़ कर चली भी गई थी मगर तब भी वहां के अल्प संख्यक हिन्दुओं को टारगेट किया गया। बंगला देश से जो खबरें आ रही हैं उनके अनुसार वहां पर हिन्दुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। लगता है जैसे बंगला देश का यह हिंसक आंदोलन वहां के हिंदुओं के खिलाफ ही शुरू हुआ हो। हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं, हिंदू महिलाओं को उनके घर से उठा लिया जा रहा है, हिंदुओं के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में लूट हो रही है। ऐसी भयावह परिस्थितियों में बंगला देश के हिन्दुओं को अगर भारत बढ़कर आकर शरण नहीं देगा और उनके हितों की रक्षा mtनहीं करेगा तो कौनसा देश देगा?
डॉ० शिबन कृष्ण रैणा
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