फतेहपुर : महिला उत्पीड़न: घरेलू हिंसा की शिकार फिज़ा खातून को नहीं मिल रहा न्याय, हत्या की आशंका - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 सितंबर 2024

फतेहपुर : महिला उत्पीड़न: घरेलू हिंसा की शिकार फिज़ा खातून को नहीं मिल रहा न्याय, हत्या की आशंका

  • फिज़ा खातून को सता रहा है अब अपनी हत्या का डर, पति, सास, ससुर, देवरों, नंद - नंदोई व अन्य रिश्तेदारों से है जान का खतरा

Women-justice
लखनऊ/फतेहपुर। देश में महिला हिंसा एवं घरेलू उत्पीड़न से निपटने के लिए कई कानून तो बने हैं लेकिन जरूरतमंद महिला को न्याय मिलना आज भी टेढ़ी खीर है। वैसे तो भारत देश में महिला राष्ट्रपति हैं और कई महिला नेता भी राजनीति में सक्रिय हैं फिर भी देश की महिलाओं का हाल बद से बदतर है। ऐसा ही एक मामला फतेहपुर जनपद की एक महिला पर घरेलू हिंसा एवं प्रताड़ना का मामला सामने आया है जहां महिला के ससुराली जनों द्वारा शादी के बाद से ही मायके से पैसा लाना और चार पहिया गाड़ी की मांग के विरोध में मारपीट सहित कई प्रताड़नाएं झेलनी पड़ रही है लेकिन पुलिस द्वारा उसकी सुनवाई नहीं हो रही है जबकि पीड़ित महिला का कहना है कि हमारे ससुरालीजन खुद हमको मारते - पीटते हैं और उल्टा पुलिस की मिलीभगत से हमारे खिलाफ ही थाने में एनसीआर दर्ज करवाते हैं।


फतेहपुर जनपद के थाना सुल्तानपुर घोष अंतर्गत ग्राम उमरपुर गौंती (काजीपुर) निवासी मोहम्मद सलमान अहमद पुत्र नूर मोहम्मद की शादी मुस्लिम रीति रिवाज से 14 जुलाई 2022 को निजाम का पुरवा, थाना कड़ा धाम, जनपद कौशाम्बी की रहने वाली फिज़ा खातून पुत्री स्वर्गीय लियाकत अली से संपन्न हुई, चूंकि फिज़ा खातून की कुल 6 बहनें हैं और पिता की मृत्यु हो चुकी थी और इससे पहले दो बहनों की शादी भी हो चुकी थी और इस शादी में दो बहनों की शादी एक साथ हुई जिसमें सभी को लगभग घरेलू सभी सामान और ज़ेवर बतौर दहेज भी दिया गया लेकिन दहेज में किसी बहन को नगद पैसा और कोई भी गाड़ी नहीं दी गई थी। शादी के बाद से ही फिज़ा खातून के ससुरालीजनों द्वारा मायके से नगद पैसा और चार पहिया गाड़ी लाने का दबाव और ताना दिया जाने लगा जिस पर लड़की की मां ने अपनी व्यथा बताकर पैसा और गाड़ी देने से मना कर दिया जिसके बाद से ही फिज़ा खातून पर घरेलू यातना, अपमान, हिंसा आदि का दौर शुरू हो गया। मायके की स्थिति को देखते हुए और अपने मां की गंभीर बीमारी को देखते हुए पीड़िता खामोशी से अपने साथ होने वाले यातनाओं को सहती रही और उम्मीद करती रही कि एक न एक दिन दुख के बादल हटेंगे और इसी सहनशीलता को झेलते हुए पीड़िता ने एक बेटी को जन्म दिया लेकिन अपनी यातनाओं एवं ससुरालीजनों की हरकत पर पुलिस को अब दी गई तहरीर में खुलासा करते हुए बताया कि उसके पति एवं उसकी सास एवं देवर आदि अस्पताल ले जाकर सोनोग्राफी कराते हुए होने वाले बच्चे की लिंग की जांच कराकर मेरे पेट में पल रही बेटी को मारने के इरादे से मुझको दवा तक खिलाने की कोशिश की गई लेकिन मैंने दवा नहीं खाई, इसके आगे बताया कि बीते 22 अप्रैल 2024 को फिर से दहेज की मांग को लेकर मेरे ससुर नूर मोहम्मद उर्फ नूरे पुत्र बच्छन, सास शबनम खातून पत्नी नूर मोहम्मद, देवर मो तुफैल पुत्र नूर मोहम्मद, ननद तहसीन बानो पत्नी तौफीक, नंदोई मो तौफीक और फूफा ससुर मो शहज़ादे उर्फ डंडा गुरु आदि ने मिलकर मुझे खूब मारा पीटा लेकिन तब भी जी नहीं भरा तो मुझे जान से मारने के नियत से मुझ पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाना चाह रहे थें लेकिन मैं जान बचाकर ससुराल के घर से भाग कर उसी दिन गांव में उर्स था जहां भीड़ - भाड़ में मेले में घुस गई थी लेकिन वहां भी हमारे ससुर और देवर ने मेरा कपड़ा फाड़ दिया, इस दौरान वहां उर्स के मेले में उपस्थित महिलाओं ने मेरी जान बचाई जिसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस ने तुरंत ही कुछ लोगों पर 151 की कार्यवाही की लेकिन उसके बाद से मेरा उत्पीड़न फिर भी जारी था इस दौरान मेरे साथ मेरी डेढ़ वर्षीय बिटिया भी है और मेरे पति मो सलमान अहमद भी यहीं घर पर हैं और अब मेरे पति भी घर वालों के कहने पर मुझसे दहेज के नाम पर पैसा और चार पहिया गाड़ी लाने को कहते हैं और विरोध करने पर मुझे खूब मारते पीटते हैं और तो और मेरे पति ने भी मुझे जान से मारने की कोशिश की थी। मेरी हालत देख मेरे घर वाले मायके ले गए जहां सुलह समझौता हो गया था लेकिन मेरा पति न तो खर्चा - खुराकी देता था और न ही हमसे बातचीत करता था और न ही हमको घर बुला रहा था। अपनी समस्या को देखते हुए दिनांक 27 जुलाई 2024 को पुनः मैंने थाना सुल्तानपुर घोष में प्रार्थना पत्र देते हुए मुझे जान से मारने का प्रयास, दहेज की मांग के साथ ही मुझे फर्जी केस में फंसाने की धमकी के विरुद्ध मुकदमा लिखने की गुहार लगाई थी लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद भी लगातार मुझे मारा - पीटा जा रहा है और मुझे दवा - इलाज की सख्त जरूरत है लेकिन मेरे पति और ससुरालीजन हमको दवा तक नहीं दिला रहे हैं। इस सबके साथ ही फिज़ा खातून को अपने हत्या की भी आशंका हो रही है। यदि समय रहते पुलिस कार्यवाही कर दे तो उचित होगा अन्यथा कहीं कोई अनहोनी हो गई तो हमेशा को ही पछतावा रहेगा।

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