वृतांत : पोर्ट-ब्लेयर का ‘अयनार मंदिर’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 4 सितंबर 2024

वृतांत : पोर्ट-ब्लेयर का ‘अयनार मंदिर’

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अंडमान-निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट-ब्लेयर हालाँकि बहुत बड़ा शहर तो नहीं है पर अपनी सामुद्रिक शोभा-श्री के लिए सर्व-विख्यात है. सर्वधर्म-सद्भाव की झलक भी यहाँ खूब मिलती है. हिन्दू मन्दिर,मस्जिदें,चर्च,जिनालय,गुरूद्वारे आदि भी यहाँ खूब हैं. हिन्दू मन्दिरों में लगभग सभी देवी-देवताओं के मंदिर हैं यहाँ. उत्तर भारतीय शैली के भी और दक्षिण भारतीय शैली के भी. शिव, कृष्ण, राम, गणेश, हनुमान,दुर्गा,महाकाली आदि सभी के सुन्दर-सुव्यवस्थित मंदिर देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। कहते हैं कि अंडमान शब्द ‘हनुमान’ से ही बना है।


आज पोर्ट-ब्लेयर में स्थित प्रसिद्ध अयनार मंदिर देखने का सुअवसर मिला। समुद्र- तट के पास निर्मित यह मंदिर द्रविड़ शैली का उत्कृष्ट नमूना है। पुजारीजी बता रहे थे कि अयनार विष्णु के ही अवतारी स्वरूप हैं। मान्यता यह भी है कि अयनार द्रविड़ देवता हैं और अयप्पा से उनका संबंध है। यहाँ पर इस बात का उल्लेख करना ज़रूरी है कि अयनार मंदिर पोर्ट ब्लेयर के फ्लैग पॉइंट के पास अवस्थित है। फ्लैग-पॉइंट पोर्ट-ब्लेयर के समुद्रतट पर स्थित वह स्थल है जहाँ पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने बहुत पहले 1943 में ही भारत का राष्ट्रध्वज फहराया था।




 


(डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)

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