पटना : दिल्ली-पटना की सरकार अहंकारी, न्याय सम्मेलन में बदलाव की लड़ाई तेज करने का संकल्प : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 अक्तूबर 2024

पटना : दिल्ली-पटना की सरकार अहंकारी, न्याय सम्मेलन में बदलाव की लड़ाई तेज करने का संकल्प : माले

  • एक महीने के भीतर यदि स्मार्ट मीटर वापस नहीं होता तब होगा बिहार बंद
  • न्याय सम्मेलन में पदयात्रा में शामिल पदयात्रियों का हुआ जुटान, 10 सूत्री प्रस्ताव पारित

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पटना 27 अक्टूबर (रजनीश के झा)। 16 अक्टूबर से चलने वाली भाकपा-माले की पदयात्रा के समापन के अवसर पर आज पटना के मिलर हाईस्कूल मैदान में बदलो बिहार न्याय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में राज्य के विभिन्न हिस्सों में निकाली गई पदयात्रा में शामिल पदयात्रियों की विशाल भागीदारी दिखी. मुख्य वक्ता के बतौर का. दीपंकर भट्टाचार्य न्याय सम्मेलन में शामिल हुए. उनके अलावा आज के न्याय सम्मेलन को काराकाट सांसद व अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, खेग्रामस महासचिव धीरेन्द्र झा, सत्यदेव राम, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, गया जिला सचिव निरंजन कुुमार, जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय, विधायक गोपाल रविदास, तरारी से माले प्रत्याशी राजू यादव, आरवाइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम, स्कीम वर्करों की नेता का. शशि यादव, संदीप सौरभ, भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता का. केडी यादव, जीविका कैडर संघ प्रदीप सिंह आदि नेताओं ने संबोधित किया. स्वागत तथा कार्यक्रम का संचालन ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने किया. उन्होंने कहा कि आज न्याय की आवाज उठाने वाले लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं. नीतीश कुमार की हर घोषणा तबाही लाने वाली है. पदयात्रा का समापन हुआ है लेकिन आज संघर्ष की यात्रा को नई ऊर्जा मिली है. इसके बाद बिहार में न्याय की आवाज बुलंद होगी. मंच में वक्ताओं के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, रामजी राय, मंजू प्रकाश, महबूब आलम, महानंद सिंह, अजीत कुशवाहा, अमरजीत कुशवाहा, रामबलि सिंह यादव सहित पार्टी के नेता - कार्यकर्ता उपस्थित थे. राजनीतिक प्रस्ताव का पाठ राज्य कमिटी सदस्य रणविजय कुमार ने की.


का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा दिल्ली-पटना की सरकार अहंकारी है, उसे जनता से कोई लेना-देना नहीं है. जिस समय बिहार में बांध टूटा पटना में नीतीश कुमार 2025 का चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे थे. भूमि आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने वाले नीतीश कुमार भूमि सर्वे के जरिए गरीबों से जमीन छीनकर लैंड बैंक बनाना चाहते हैं ताकि उसे कंपनियों को दिया जा सके. आज हम यह कहने आए हैं कि जो जिस जमीन पर बसा है उसको पहले जमीन का पर्चा दो, तब भूमि सर्वे की बात करो. स्मार्ट मीटर केवल जनता की तबाही और बर्बादी का आलम नहीं है बल्कि एक संगठित भ्रष्टाचार की उपज है. आज नीतीश जी के अधिकारी जेल जा रहे हैं. जहरीली शराब से सिवान में 70 लोग मर गए. किसी शराब माफिया को पकड़ा नहीं गया. जान भी गरीबों की जा रही है और जेल में भी उन्हें ही ठूंसा जा रहा है. न्याय यात्रा आन्दोलन में तब्दील हो गई. मोदी जी ने गैस महंगा कर दिया और नीतीश जी बिजली महंगा कर रहे हैं. डबल इंजन खून दोनों तरफ से चूस रही है. गया में संजय मांझी का हाथ तलवार से काट दिया गया और जीतन राम मांझी जी ने सुध तक नहीं ली. बिहार की महिलाएं आंदोलन में हैं. नीतीश जी कहते थे कि बिहार में जीविका ने बिहार को  सशक्त बनाया है और आज माइक्रोफाइनेंस को बढ़ावा देने के लिए जीविका को खत्म किया जा रहा है.


एक्सप्रेस वे से टोल टैक्स वसूल होगा. नीतीश जी के किसी भी वादे को हम भूले नहीं हैं. बिहार के बच्चे स्कूल की बात कर रहे हैं तो भाजपा के लोग त्रिशूल की बात कर रहे हैं. सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास का नारा दे कर सत्ता संभाली थी. जाति सर्वेक्षण से यह बात सामने आई कि 36 प्रतिशत परिवारों की आमदनी 6 हजार से कम है. यह समाजवादियों तथा वामपंथियों की धरती ह.ै यहां भाजपा की दाल नहीं गलेगी. भाजपा देश के संसाधनों को अदाणी को दे रही है और नीतीश जी समर्थन दे रहे हैं. धीरेन्द्र झा ने कहा कि बिहार में चल रहे कई आंदोलनों ने न्याय यात्रा को जगह-जगह ज्ञापन दिया. यात्रा बिहार में छोटे छोटे आंदोलनों के लिए बड़ा प्लेटफार्म साबित हुई है. बिहार में जितने लोगों को भी पर्चे मिले वो सब लोग बेदखल हैं. गरीबों का आंदोलन बुलडोजर राज को ध्वस्त करेगा. मिथिलांचल में हजारों मिल बंद पड़े हैं. बाढ़ की तबाही तथा भूगोल दोनों बढ़ा है. सासंद सुदामा प्रसाद ने कृषि बजट का लाभ बटाईदारों को मिलने की बात उठाई. सब्सिडी की मांग की. कोरोना काल में छोटे मंझोले व्यापारियों की बर्बादी का सवाल उठाया. स्कीम वर्करों की नेता शशि यादव ने कहा कि गांव गांव में हिंसा बढ़ गई है. महिलाओं के उपर हिंसा बढी है़. स्कीम वर्कर्स की बातें नहीं सुनी जा रही है. आशा, आंगनबाड़ी, रसोईया, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सब लोग परेशान हैं. शराब माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं हो रही है.


सत्यदेव राम ने कहा कि दिल्ली की सरकार वायदों से मुकर जा रही है. जब तक बिहार बदलेगा नहीं तबतक न्याय नहीं मिलेगा. हमारी एकता हो और हम 2025 में एनडीए की सरकार बिहार से उखाड़ फेंके. बीरेंद्र गुप्ता ने भूमि आयोग की सिफारिशों को लागू करने का मुद्दा उठाया. कहा कि 19 सालों से डबल इंजन की सरकार बिहार के गरीबों के साथ धोखा कर रही है. बुल्डोजर की सरकार को बुलडोज करना होगा. जमीन सर्वे में पूरा राजस्व विभाग लूट में लगा हुआ है। संदीप सौरभ ने कहा कि न्याय की जरूरत बुनियादी जरूरत है. रोटी की तरह न्याय चहिए. स्मार्ट मीटर से जनता परेशान है और सरकार गुणगान कर रही है. समाजिक कल्याण पेंशन को बढ़ाने की जरूरत है. 3 हजार करना होगा , 400 से कुछ नहीं होगा. जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि बिहार में शिक्षा को खत्म कर दिया गया है. सरकारी स्कूल को खत्म कर दिया गया है. विश्वविद्यालयों को आरएसएस की प्रयोगशाला बनाया जा रहा है. गोपाल रविदास ने कहा कि आरक्षण को 9 वीं अनुसूची में सरकार को शामिल करना होगा और इसके प्रतिशत को बढ़ाना होगा.


प्रस्ताव

1. बिहार में पिछले तीन माहों से भाकपा (माले) के नेतृत्व में ‘हक दो - वादा निभाओ’ अभियान चल रहा है. इसके तहत विगत 16-25 अक्टूबर, 2024 के बीच दर्जनों बदलो बिहार न्याय पदयात्रा हुई. राज्य के करीब 25 जिलों में 5000 से भी अधिक भाकपा (माले) नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इनमें हिस्सा लिया और चार हजार किलोमीटर से भी अधिक की दूरी तय की. यात्रा का नेतृत्व करते हुए भाकपा (माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने खुद भी करीब 250 किलोमीटर की पैदल यात्रा की. यह सम्मेलन राजधनी पटना के इस मिलर स्कूल मैदान में भाकपा-माले महासचिव समेत तमाम पदयात्रियों का गर्मजोषी के साथ स्वागत और अभिनंदन करता है. सम्मेलन पदयात्रा के दौरान उठाये गए तमाम मुद्दों के साथ अपनी एकजुटता प्रकट करता है.

2. सम्मेलन सरकारी वादा के अनुसार तमाम गरीबों को 2 लाख रुपये, 5 डिसमिल आवास भूमि और पक्का मकान की गारंटी करने, सभी गरीब बसावटों का भौतिक सर्वे कराने और मुसहर, डोम, मेहतर, हलखोर, नट और बखो सहित सभी दलित-गरीब समुदाय बस्तियों को नियमित करने तथा सीलिंग, भूदान,सिकमी और पर्चा वाली जमीन का कागज लोगों को उपलब्ध कराने की मांग करता है. यह सम्मेलन जब तक गरीबों के वास-आवास-जोत की भूमि और बटाईदारों के कायमी व पुश्तैनी हक कीगारंटी नहीं होती और सभी लोगों की जमीन के कागजात दुरुस्त नहीं हो जाते तब तक राज्य में हो रहे भूमि सर्वे पर रोक लगाने की मांग करता है.

3. राज्य दलित-गरीब-महिलाओं-अल्पसंख्यकों पर हिंसा की बाढ़-सी आ गई है. सुशासन की पोल खुल चुकी है. सम्मेलन मांग करता है कि दलित हत्याओं का स्पीडी ट्रायल हो, डीएम व एसपी को इसका जिम्मेवार बनाया जाये और महिलाओं व अल्पसंख्यकों के ऊपर बढ़ते अपराध के प्रति सरकार सख्ती बरते.

4. राज्य में प्रीपेड स्मार्टमीटर के खिलाफ भारी जनाक्रोश है. हमारी मंाग है कि सरकार तत्काल इस योजना को वापस ले. अगर सरकार इस जन विरोधी, गरीब विरोधी योजना को एक महीना के भीतर वापस नहीं लेती है तो जनता का बिहार बंद आहूत होगा। सम्मेलन बिजली की दर आध्ी करने और कष्शि कार्य व गरीबों के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग करता है.

5. सम्मेलन यह मांग करता है कि सरकार आपदा में अवसर नहीं तलाषे और बाढ़ पीड़ितों के लिए तत्काल राहत की व्यवस्था करे, किसानों को 50 हजार रु. प्रति एकड़ पफसल क्षति मुआवजा दे और तमाम पीड़ितों को पर्याप्त बाढ़ क्षति मुआवजा दे. सम्मेलन इस समस्या के मद्देनजर सभी नदियों और नदी जल परियोजनों का अध्ययन और पुनर्समीक्षा करो. बाढ़ का स्थाई निदान करो!

6. सम्मेलन सरकार से राज्य के स्कीम वर्कर्स के साथ अन्याय बंद करने की मांग करता है तथा 10 लाख से ज्यादा स्कीम वर्कर्स (जीविका दीदी, आशा, आंगनवाड़ी कर्मी, विद्यालय रसोइया, ग्रामीण नर्सेत, मनरेगा मजदूरो, सपफाई मजदूरो आदि को केन्द्र सरकार द्वारा घेषित नई मजदूरी दर के मुताबिक पारिश्रमिक/मानदेय की गारंटी करने की मांग करता ह.ै सम्मेलन सरकार से जीविका कर्मियों की तमाम मांगों को स्वीकार करने और राज्य में पिछले करीब दो माह से चल रही उनकी हड़ताल को खत्म कराने की मंाग करता है.

7. सम्मेलन बिहार में आरक्षण विस्तार को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करने, पूरे देश जातीय गणना कराने और धोखा नहीं, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करता है.

8. सम्मेलन राज्य के बंद पड़े चीनी, जूट, कागज व सूता सहित अन्य मिलों को चालू करने और कृषि आधारित उद्योगों की शृंखला खड़ी करने की विस्तृत कार्य योजना बनाने की मांग करता है.

9. गरीबी के दुश्चक्र में फंसे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और गरीबी उन्मूलन के लिए विशेष पैकेज देने के बदले उन्माद उत्पात की राजनीति कर रही है. भाजपा सांसद व मंत्री गिरिराज सिंह राज्य अपनी यात्राओं के दौरान त्रिशूल बांट रहे हैं. सम्मेलन बिहार की साझी संस्कृति की विरासत को बुलंद करते हुए राज्य की जनता से गिरिराज सिंह की यात्रा और भाजपा के नफरती अभियान को पूरी तरह से खारिज करने का आह्नान करता है.

10 ‘बदलो बिहार न्याय पदयात्रा’ को मिला भारी जनसमर्थन एक ‘न्यायपूर्ण नया बिहार’ बनाने की प्रबल जनांकांक्षा को दर्शाता है. सम्मेलन यात्रा का समर्थन करने, शामिल होने और सहयोग देनेवालों के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करता है, बदलो बिहार न्याय यात्रा के मुद्दों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लेता है और बिहार में बदलाव व विकास के न्यायपूर्ण आंदोलन को तेज करने का आह्नान करता है।

11. बदलो बिहार न्याय पदयात्रा के दौरान जगह-जगह लोगों ने व्यक्तिगत और संगठित रूप से अपनी विभिन्न समस्याओं व सवालों को लेकर यात्रा दल को सैकड़ांे आवेदन व मांग पत्र सौंपे हैं. सम्मेलन उनकी मांगों को हल करने की दिशा में हर जरूरी कदम उठाने का संकल्प लेता है.

12. अभी राज्य की चार विधनसभा सीटों ( तरारी, रामगढ़, इमामगंज व बेलागंज) पर उपचुनाव हो रहे हैं. यह सम्मेलन राज्य व क्षेत्र की जनता से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारो के पक्ष में जोरदार प्रचार अभियान चलाने, उन्हें सहयोग व समर्थन देने और उनके पक्ष में भारी मतदान करने का आह्नान करता है.

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