- बाजार में ट्रेडिशनल दीयों के साथ-साथ मिट्टी के डेकोरेटीव आइट्मस की भरमार, इस बार मिट्टी के लाइट आइटम के साथ ही डिजाइनर शोपीस से अटे पड़े बाजार
- सोने चांदी से इतर 30 लाख का सबसे महंगा डायमंड सेट भी बिकने को तैयार, सोना चांदी के दामों में रिकार्ड बढ़ोतरी के बावजूद सोना-चांदी के गहनों की डिमांड बनी हुई है
पूरे पूर्वांचल में 10,000 करोड़ के कारोबार के आसार
वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ सहित पूरे पूर्वांचल के व्यापारियों की उम्मीद को भी बढ़ा दिया है. मतलब साफ है व्यापारियों के लिए धनतेरस व दिवाली दोनों पर्व धमाकेदार रहने वाली है. व्यापारी संगठनों का दावा है, इस दोहरी सौगात का असर सीधे बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। इस साल दीवाली सीजन में इतनी बड़ी रकम बाजार में आने से व्यापारियों को भी वित्तीय संकट से मुक्ति मिल सकती है। टीवी, घरेलू उपकरणों, एफएमसीजी खाद्य और गैर-खाद्य पदार्थ, कपड़ा आदि की ऑफलाइन और ई-कॉमर्स चैनल के जरिये बिक्री पिछले साल की तुलना में पहले ही 8-10 फीसदी की बढ़त हासिल कर चुके हैं। ग्राहक महंगाई व जीएसटी की हायतौबा के बाद भी खर्च करने को तैयार हैं। खास बात यह है कि इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर रहने वाला है। इससे चीन के व्यापार का झटका लगा है. लोग भारत में ही बनी घर के सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, देवी लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा का सामान, जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई है उसे ज्यादा पसंद कर रहे है।खनकेगा बर्तन बाजार
अन्य मार्केट्स की तुलना में बर्तन बाजार में खरीदारों की भीड़ तेजी से बढ़ रही है। नवरात्रि की बात करें तो कारोबार अच्छा रहा है। कारोबारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बिक्री को और रफ्तार मिलेगी। कारोबारियों की माने तो त्योहार और सहालग के मौसम में बाजार का कारोबार भी 300 करोड़ से 350 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। चांदी के बर्तनों को लेकर इंडक्शन और ओवन भी खूब बिक रहे हैं। शादियों की लंबी फेहरिस्त होने के कारण लोग जमकर बर्तनों की खरीदारी कर रहे हैं। बर्तन कारोबारियों का कहना है कि मार्केट में लोग चांदी के बर्तन समेत पीतल के बर्तन भी खरीद रहे हैं। खासतौर पर पीतल की प्लेट कटोरी और ग्लास की डिमांड सबसे ज्यादा है। इसके अलावा नॉनस्टिक बर्तनों की भी मांग है। कस्टमर कंपनी वाले नॉनस्टिक की मांग सबसे ज्यादा कर रहा है। नॉन स्टिक पैन के दाम 300 रुपये, तवा 300 रुपये, कढ़ाई 400 रुपये से शुरू होकर हजारों में हैं। इसके अलावा इंडक्शन वाले प्रेशर कुकर की डिमांड भी काफी है। कोरोना के बाद से तांबे की बोतल की भी डिमांड बनी हुई है। कस्टमर्स को लुभाने के लिए कारोबारियों की ओर से कई ऑफर्स भी दिए जा रहे हैं। बर्तनों के सेट पर आकर्षक गिफ्ट्स की सौगात दी जा रही है।
ज्वेलरी मार्केट में बूम-बूम
ज्वेलरी कारोबारियों ने कहा कि देश भर से अच्छे संकेत मिल रहे हैं. उम्मीद है कि धनतेरस दिवाली पर आभूषणों की बिक्री बढ़ेगी. व्यापार संघ से जुड़े आकाश सेठ ने कहा कि इस बार ज्वैलरी, कार बाइक, इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत घरेलू इस्तेमाल से जुड़े उत्पादों की बिक्री पिछले रेकॉर्ड तोड़ देगी. व्यापारी मार्केट में डिमांड देखते हुए लगातार माल मंगा रहे है. उन्होंने कहा कि पाबंदियां के हटने से अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. रोजी-रोजगार के अवसर बढ़े हैं. लोगों की जेब में अब पैसा है. लोग त्योहार मनाने से नहीं हिचकिचाएंगे. उन्होंने ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक डिमांड आएगी. बीते कुछ साल में खरीदारी का यह बेहतरीन रूझान है. उन्होंने कहा कि सप्लाई बढ़ने से खाद्य तेलों के भाव गिरे हैं. ऐसे रुझानों से कंपनियां भी काफी उत्साहित है। बाजार में सोने की ज्वेलरी के अलावा डायमंड की भी जमकर बुकिंग हो रही है. त्योहार को देखते हुए कई दुकानदार डायमंड पर 20 फीसदी तक की छूट भी दे रहे हैं. हाल के दिनों में डायमंड की ज्वेलरी का क्रेज भी बढ़ा है. इसका असर त्योहार के सीजन में देखने को मिल रहा है. इसके अलावा चांदी के पांच से दस ग्राम तक के सिक्के भी बड़ी संख्या में मंगाये गये हैं. छठ के लिए चांदी के सूप, बर्तन और छठी मइया की तस्वीर भी दुकानों में उपलब्ध हैं. सर्राफा बाजार की मानें तो इस बार का कारोबार काफी अचछा रहेगा. दुकानदार धनतेरस से लेकर दिवाली तक करीब 230 करोड़ के कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं. बाजार में चेन, चूड़ियाँ, झुमके, सॉलिटेयर, हीरे, रत्न, पेंडेंट, हार, पद्मावत, अहिल्या, मीरा, अंगूठियाँ, पारंपरिक और आधुनिक, कंगन, सिक्के, बेस्पोक संग्रह, जन्म रत्न, झुमके सेट, 22 और 24 कैरेट सोना, आभूषण मरम्मत, नेकवियर, नाक की पिन और हाथ से बने संग्रह की जबरदस्त डिमांड हैं। खबर लिखे जाने तक 24 कैरेट सोना लगभग 7,995 प्रति ग्राम पर बिक रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव लगभग 7,330 प्रति ग्राम है। चांदी की बात करें तो यह 98,000 प्रति किग्रा की दर पर उपलब्ध है। पिछले साल की तरह इस साल भी धनतेरस पर आभूषण बाजार में बढ़िया कारोबार की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार त्योहारी मौसम की शुरुआत से ही यह साल अच्छा रहा है। यह धनतेरस और दीपावली में भी जारी रहेगी। उपभोक्ता की धारणा सकारात्मक दिख रही है। क्योंकि आभूषणों की मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसी उम्मीद है कि इस साल आभूषण बिक्री में लगभग 20 फीसदी वृद्धि हो सकती है। हालांकि आभूषण उद्योग इस साल सतर्क रूप के साथ आशावादी बने हुए हैं। सतर्कता इसलिए है क्योंकि पिछले साल भी बिक्री अच्छी हुई थी।
बिक्री में होगा बड़ा इजाफा
रिटेल व्यापार के विभिन्न वर्गों जिसमें खास तौर पर भारत में बने एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सफेद सामान, रसोई के सामान, उपहार की वस्तुएं, मिठाई- नमकीन, घर का सामान, टेपेस्ट्री, बर्तन, सोना और गहने, जूते, घड़ियां, फर्नीचर, फिक्सचर ,वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, घर की सजावट का सामान, मिट्टी के दिए सहित दीवाली पूजा का सामान, सजावटी सामान जैसे दीवार की लटकने, हस्तकला की वस्तुएं, वस्त्र, घर द्वार पर लगाने वाले शुभ-लाभ, ओम, देवी लक्ष्मी के चरण आदि अनेक त्यौहारी सीजन वस्तुओं की बिक्री में बड़ा इजाफा होने की संभावना है.
चांदी के सिक्कों का ट्रेंड
गिफ्ट आइटम में हर साल की तरह गिलास, बॉउल सेट, चॉकलेट, ड्राई फ्रूट आइटम के साथ-साथ इस बार गिफ्ट में देने के लिए चांदी के सिक्कों का नया ट्रेंड मार्केट में आया है। इन सिक्कों पर इस बार लक्ष्मी-गणेश के अलावा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ, किंग जार्ज, ट्री, लॉफिंग बुद्धा आदि के चित्रों को छापा गया है। गोल्ड लुक में ये सिक्के गोल के बजाए स्क्वॉयर शेप में उपलब्ध हैं। जिनकी लोगों के बीच खासी डिमांड देखी जा रही है। इस दिन चांदी के लक्ष्मी और गणेश वाले 5 से 10 ग्राम वजनी सिक्कों के अलावा लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, चांदी की थाली, कटोरी, गिलास और चमच की डिमांड सबसे अधिक होती है जिसके चलते इनकी अच्छी स्टॉक तैयार हैं। कारोबारियों के मुताबिक सोने चांदी के लाईटवेट जेवर की डिमांड सबसे ज्यादा है।
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