बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में तय हो गया देवेंद्र फडणवीस ही होंगे महाराष्ट्र के नए सीएम। मतलब साफ है साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस की कही लाइन, ‘मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना. मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा’ सच हो गयी। या यूं कहे देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की सियासत में पूरे रुतबे और दबदबे के साथ लौट आए हैं. अब महाराष्ट्र की कमान तीसरी बार उनके हाथों में होगी. भला क्यों नहीं? सारे समीकरणों को ध्वस्त करके उन्होंने भाजपा को प्रचंड बहुमत जो दिलाई हैं.2019 विधानसभा चुनावों के बाद जब बीजेपी को दगा देते हुए शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने सीएम बनने की जिद पकड़ ली थी तब फडणवीस ने शरद पवार जैसे राजनीतिज्ञ को मात देकर सरकार बनाई थी. ये बात अलग है कि अजित पवार अपनी पार्टी के विधायकों को अपने साथ नहीं ला सके और 80 घंटे के अंदर खेल हो गया. पर आग सुलगाने का काम तो फडणवीस ने कर ही दिया था. थोड़ा टाइम लगा पर फडणवीस की लगाई आग ने शरद पवार की राजनीति को महाराष्ट्र में खत्म कर दिया. जूनियर पवार यानि अजित पवार बीजेपी के सहयोगी बन चुके हैं. उनके साथ के चलते ही पिछले ढाई साल से प्रदेश में बीजेपी की सरकार चल रही थी. अब एक बार फिर वो बीजेपी की सरकार के साथ रहेंग. शायद यही कारण है कि शिवसेना और फिर एनसीपी के टूटने पर जितनी गालियां फडणवीस को सुनने को मिलीं उतनी बीजेपी को नहीं. उद्धव ठाकरे से लेकर मनोज जरांगे तकने फडणवीस को राजनीतिक करियर खत्म करने की धमकी दी थी. शरद पवार तो उनकी जाति तक पहुंच गए थे. पर फडणवीस डिगे नहीं. जिसने गालियां सुनीं, ताज पहनने का हक भी उसी को मिलना ही चाहिए
फडणवीस संघ से भी एक्टिव तौर पर जुड़े रहे हैं. वह पिछले 30 साल से एक्टिव पॉलिटिक्स में हैं. देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के पहले भाजपा मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने महायुती (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी) में खुद को एक मजबूत कड़ी के रूप में स्थापित किया है. 2024 के विधानसभा चुनावों में महायुति ने कुल 288 सीटों में से 234 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है. इनमें से अकेली भाजपा ने 132 सीटें हासिल की है. इसका क्रेडिट देवेंद्र फडणवीस को ही दिया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने जमीन पर भाजपा के लिए बहुत काम किया और इस जीत में उनकी बड़ी भूमिका है. वह सीएम से डिप्टी सीएम रहने तक का सफर देख चुके हैं. अब वह शिंदे संग काफी खींचतान के बाद फिर सीएम बनने जा रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में 22 जुलाई 1970 को हुआ था. देवेंद्र ने वर्ष 2006 में अमृता फडणवीस से विवाह किया. अमृता बैंक में काम करती हैं और एक्ट्रेस भी हैं. देवेंद्र और अमृता की एक बेटी दिविजा है. देवेंद्र फडणवीस तीन मराठी किताब लिख चुके हैं. 2001 में फडणवीस भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने थे. पिता गंगाधर राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ में रहे. मां सरिता अमरावती के प्रसिद्ध कलती परिवार की वंशज हैं. देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के सरस्वती विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण की. लॉ कॉलेज नागपुर से कानून की डिग्री पूरी की. साल 2002-03 में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की ओर से सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित हुए. साल 2013 में वे महाराष्ट्र में बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने. वह 2014 को पहली बार सीएम बने. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस साल 2014 से 2019 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं। हालांकि, इसके बाद वह एक बार 80 घंटे के लिए भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे।
जब टूट गया था भाजपा-शिवसेना गठबंधन
साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने एक बार फिर से बहुमत हासिल किया था। भाजपा ने अकेले दम पर 105 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, तभी शिवसेना की ओर से 2.5-2.5 साल मुख्यमंत्री पद के बंटवारे की बात रखी गई। इसके बाद ऐसा हुआ जो किसी ने कभी सोचा ही नहीं था। भाजपा और शिवसेना का 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया। 23 नवंबर की तारीख को महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने के निर्णय लिया। इसके कुछ घंटे बाद सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम और अजीत पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ले ली।
80 घंटे बाद ही देना पड़ा इस्तीफा
फडणवीस के शपथ लेने के ठीक बाद कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। इसके बाद 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 27 नवंबर को फ्लोर टेस्ट कराया जाए और कहा कि पूरी प्रक्रिया शाम 5 बजे तक पूरी होने चाहिए और इसका सीधा प्रसारण भी होना चाहिए। हालांकि, इसके तुरंत बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, विकल्प खत्म होने के बाद आखिरकार देवेंद्र फडणवीस ने भी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। शपथ ग्रहण के चौथे दिन ही 26 नवंबर को फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया।
सबसे कम समय के मुख्यमंत्री
फडणवीस के इस्तीफे के बाद कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने एक साथ मिलकर सरकार का गठन किया और इस गठबंधन को महाविकास अघाड़ी नाम दिया। वहीं, महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के बाद से देवेंद्र फडणवीस इकलौते ऐसे सीएम रहे जिनका कार्यकाल सिर्फ 80 घंटे तक चला। हालांकि, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की सरकार 2.5 साल ही चली। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी और विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के साथ सरकार बना ली। वहीं, आगे चलकर अजित पवार ने भी एनसीपी में बगावत कर दी और ज्यादातर विधायकों के साथ सरकार का हिस्सा बन गए।
शिक्षाकाल से ही जागृत है त्याग की भावना
नागपुर के शंकर नगर इलाके में स्थित सरस्वती विद्यालय में देवेंद्र फडणवीस की स्कूली पढ़ाई हुई है. स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर ।4 क्लास की आखिरी बेंच पर बैठकर ही देवेंद्र फडणवीस ने 8वीं से 10वीं तक की पढ़ाई की और अब एक बार फिर महाराष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण पद यानी सीएम की कुर्सी तक पहुंचे हैं. लेकिन, देवेंद्र फडणवीस अपनी क्लास में अंतिम बेंच पर क्यों बैठते थे? यह किस्सा भी काफी रोचक है. 2010 में जब देवेंद्र फडणवीस की 10वीं बैच के 25 साल पूरे होने पर स्कूल में रियूनियन का कार्यक्रम हुआ था, उस समय भी देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पुरानी लास्ट बेंच पर बैठना ही पसंद किया था. वे अपने स्कूली सहपाठियों के साथ उसी लास्ट बेंच पर बैठे थे.पढ़ाई में भी बेहद साधारण थे. हमेशा ही शांत और गंभीर बालक थे, लेकिन क्लास के दोस्तों के साथ दोस्ती निभाने में उनका कोई मुकाबला नहीं था. किसी एक की गलती पर फडणवीस और उनकी पूरी क्लास सजा भुगतती थी, लेकिन गलती किसकी थी यह कभी टीचरों को पता नहीं चल पाता था.जिस समय देवेंद्र फडणवीस स्कूली पढ़ाई कर रहे थे, उसी दौरान उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस नागपुर से एमएलसी विधायक थे, लेकिन बावजूद इसके देवेंद्र फडणवीस के व्यवहार में कभी भी ऐसा नजर नहीं आता था कि वे एक विधायक के बेटे हैं. पैर में सादी चप्पल, कंधों पर कपड़े का बैग और घुंघराले बाल यही देवेंद्र फडणवीस की पहचान थी. 1985 में 10वीं क्लास पास करने के बाद भी देवेंद्र फडणवीस का स्कूल से नाता हमेशा कायम रहा. आज भी स्कूल के छोटे-मोटे कार्यक्रमों में वे आते रहते हैं. आज स्कूल अपने इस गुणवान विद्यार्थी पर गर्व महसूस कर रहा है.
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी




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