सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर आज मनाया जाएगा भगवान गणेश का जन्मोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 9 दिसंबर 2024

सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर आज मनाया जाएगा भगवान गणेश का जन्मोत्सव

  • भगवान शिव पर भरोसा रखने वाले को फल अवश्य मिलता है-कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा

Kubereshwar-dham-sehore
सीहोर। आपकी प्रतिभा भगवान का आपको दिया हुआ उपहार है, आप जो कुछ इसके साथ करते हैं, वह आप भगवान को उपहार स्वरूप लौटाते हैं। भगवान शिव पर भरोसा, विश्वास और आस्था रखने वाले को फल अवश्य मिलता है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी पांच दिवसीय संगीतमय शिव महापुराण के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहे। कथा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की सुंदर झांकी सजाई गई थी। सोमवार को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह आस्था और विश्वास का प्रतीक है।


भगवान शिव ने सत्यम शिवम सुंदरम का अनुपम भाव दिया-

रविवार को कथा के दूसरे दिन पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि संपूर्ण सृष्टि को चलाने वाले भगवान शिव ने सत्यम शिवम सुंदरम का अनुपम भाव दिया हैं। शिव नाम ही कल्याण का पर्याय है, आज देश और समाज को इसी सत्यम शिवम सुंदरम जैसा विचार और भाव चाहिए। भगवान शिव ने इस पृथ्वी पर ऐसे मानव समाज की कल्पना की हैं, जहां एक दूसरे के साथ सद्भाव, सहयोग और समन्वय बना रहे। पूरे विश्व को आज भगवान शिव की इसी कल्पना को मूर्त रूप देने की जरूरत हैं। हमें प्रभु शिव की भक्ति उनकी गाथाओं का श्रवण करना चाहिए ताकि हमारा मानस जन्म सुखमय बन सके। श्री शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने मंच से एक से बढकऱ एक भजनों का बखान किया और श्रद्धालुओं को भोले की भक्ति में डूबो दिया। परिवार में सभी का तालमेल अवश्य होना चाहिए। सास-बहू एक दूसरे से प्रेम करे तभी घर स्वर्ग हो जाता है। शिव नाम में इतनी शक्ति है कि इसे जपने मात्र से ही मानव कल्याण और भवरोगों से छुटकारा मिल जाता है। शिव महापुराण का महत्व बताते हुए कहा कि इसका पाठ करने मात्र से भय से मुक्ति मिल जाती है। व्यक्ति को भोग और मोक्ष दोनों की ही प्राप्ति होती है। यदि आप अपने पापों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शिव पुराण का पाठ करें।


आप जिस मनोरथ के साथ शिव महापुराण कथा श्रवण करेंगे, आपके उस मनोरथ की सिद्धि होगी-

उन्होंने कहा कि आप जिस मनोरथ के साथ शिव महापुराण कथा श्रवण करेंगे, आपके उस मनोरथ की सिद्धि होगी। आप अगर निर्धन हैं, धन की इच्छा लेकर सुनेंगे तो धनवान होंगे। रोगी हैं, निरोगी काया की इच्छा लेकर अगर कथा सुनेंगे तो निरोगी काया प्राप्त होगी। कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है। विश्व में सभी कथाओं में से यह कथा श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर कथा का आयोजन किया जाता है, उसे तीर्थस्थल कहा जाता है। इसको सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है तो भी वह कई पापों से मुक्ति पा लेता है। इसलिए इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई किसी व्यवस्तता के कारण पूरी कथा नहीं सुन सकता है तो वह दो-तीन या चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकाले। तब भी वह इसका फल प्राप्त करता है।

कोई टिप्पणी नहीं: