- केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान बिहार के समस्तीपुर में भारत रत्न श्री कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जन्म जयंती पर आयोजित स्मृति कार्यक्रम में शामिल हुए
केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि श्री कर्पूरी ठाकुर जी ने शिक्षा के मामले में गरीबों को बराबर अधिकार देने के लिये मेट्रिक तक फ्री शिक्षा देने का फैसला लिया था। वह अपनी भाषा में शिक्षा देने के पक्षधर थे। उन्होंने कहा था कि मैं अंग्रेजी का विरोधी नहीं हूँ लेकिन गाँव में बच्चे अपनी मातृभाषा में अच्छे से शिक्षा प्राप्त करते हैं। कर्पूरी जी ने अंग्रेजी की बाध्यता मेट्रिक में खत्म की। श्री चौहान ने कहा कि उनके जीवन के कई प्रेरक प्रसंग हैं। कर्पूरी बाबू जी जब मुख्यमंत्री थे तब जयप्रकाश नारायण जी के जन्मदिन पर कार्यक्रम में उनका कुर्ता फटा था, तब चंद्रशेखर जी ने उनके कुर्ते के लिये दान देने का सभी से आग्रह किया था। उन्होंने वह राशि भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी थी। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। आइये हम सभी उनके दिखाये मार्ग पर चलें। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, राज्यसभा के उपसभापति, डॉ हरिवंश नारायण सिंह, श्री रामनाथ ठाकुर, केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, श्री भागीरथ चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, श्री नित्यानंद राय, केंद्रीय राज्य मंत्री, गृह मंत्रालय, भारत सरकार और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बाद में, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पटना स्थित सचिवालय में, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के आगामी कार्यक्रम को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। श्री चौहान ने कार्यक्रम को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, मंत्री श्री मंगल पांडे सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं राज्य व केंद्र के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें