
बैंगलोर ,4 फरवरी (विजय सिंह)। अपोलो अस्पताल समूह की ईकाई अपोलो कैंसर सेंटर्स ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) के साथ मिलकर कैंसर को अधिसूचित बीमारी के रूप में वर्गीकृत कर उसके निराकरण के लिए विश्व कैंसर दिवस पर एक देशव्यापी अभियान "यूनिफाई टू नोटिफाई" की शुरुआत की है. आज बैंगलोर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सभागार में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अपोलो अस्पताल के मुख्य कैंसर विशेषज्ञ डा. विजय अग्रवाल ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 14 लाख से अधिक कैंसर के नए मामले सामने आते हैं, जिनके 2025 के अंत तक 15.7 लाख तक पहुंचने की संभावना है. उन्होंने कहा कि कैंसर को वर्गीकृत बीमारी को रूप में चिंहित करने से एक सटीक डाटा उपलब्ध हो पाएगा, जिससे चीजों को चिंहित कर प्राथमिक चरण में ही बीमारी का ईलाज कर जीवन रक्षा करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में स्वतंत्र डाटा है परंतु राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी समेकित निबंधन की प्रकिया नहीं होने से डाटा अनुपलब्ध है. डा. अग्रवाल ने स्वीकार किया कि हेपेटाइटिस-बी, एड्स, टीबी आदि को सूचित बीमारी की श्रेणी में रखा गया परंतु कैंसर रोग को अभी तक सूचित रोग की श्रेणी में शामिल करने की कोशिश नहीं हुई. 'लाईव आर्यावर्त' द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में डा. विजय अग्रवाल ने स्वीकार किया कि जागरुकता, अस्पष्ट नीति, हिचक और स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं होने की वजह से कैंसर रोगियों में रोग का पता प्रारंभिक स्तर पर नहीं चल पाता,जिससे बाद में स्थिति भयावह व खर्चीली हो जाती है और मरीज को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
पत्रकारों को संबोधित करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बैंगलोर के अध्यक्ष डा. विजय आनंद ने कहा कि आज महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी तेजी से बढ़ी है, इसके रोकथाम के लिए त्वरित कदम उठाने होंगे और इसीलिए आईएमए राज्य सरकार सहित भारत सरकार से अविलंब कैंसर को अधिसूचित बीमारी की श्रेणी में शामिल कर रोकथाम व जागरूकता कार्यक्रम को तेजी से लागू करें. उन्होंने़ देशव्यापी इस अभियान में आईएमए सदस्यों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया. कैंसर विशेषज्ञ डा. महेश ने लोगों से जीवन शैली में बदलाव कर कैंसर से बचने की सलाह दी. अपोलो अस्पताल समूह कर्नाटक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. मनीष मटटू ने कैंसर को वर्गीकृत बीमारी की श्रेणी में शामिल किए जाने की वकालत करते हुए अपोलो अस्पताल के पहल व जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने की जरूरत पर प्रकाश डाला. अपोलो अस्पताल समूह के कैंसर विभागाध्यक्ष दिनेश माधवन ने कैंसर को अधिसूचित बीमारी का दर्जा देने की जरूरत बताते हुए कहा कि प्रारंभिक स्तर पर रोग की पहचान होने पर मरीज के ईलाज में सहूलियत होने के साथ ईलाज के खर्च में भी कमी आएगी तथा मरीज भी अनावश्यक परेशानी से निजात पा सकेंगे. डा. अनंतरामण ने कैंसर के शुरुआती पहचान व रोकथाम के उपाय हेतु व्यापक अभियान चलाने की बात कही. विशेषज्ञों ने एकमत से केंद्र सरकार से कैंसर के रोकथाम, जागरुकता ,प्राथमिक पहचान व उपचार की दिशा में एक सटीक दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया.
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