मुंबई : स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए डाबर च्यवनप्राश की नई पहल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025

मुंबई : स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए डाबर च्यवनप्राश की नई पहल

Dabur-initiative
मुंबई (अनिल बेदाग) :  डाबर का प्रमुख हेल्थकेयर ब्रांड डाबर च्यवनप्राश ने आज देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एक मेगा जागरूकता पहल की शुरुआत की घोषणा की। इस पहल के तहत, प्रमुख डॉक्टर के साथ मिलकर डाबर च्यवनप्राश ने परिवर्तनशील मौसम, सामान्य बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा सत्र आयोजित किया। आज इस अभियान को मुंबई में  रा.फ. नाईक स्कूल के 250 से अधिक बच्चों के लिए आयोजित एक विशेष सत्र के साथ शुरू किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान  प्रताप महाडिक प्रिंसिपल, सीमा म्हात्रे प्रिंसिपल, दत्रात्रय धोडके, गौरी पवार, बेबीताई लांडगे और डाबर  के दिनेश कुमार भी मौजूद थे! इस सत्र का उद्देश्य सर्दियों में बीमारी से लड़ने के लिए बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करना था। बच्चों को बुनियादी स्वच्छता और पौष्टिक आहार के माध्यम से अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों में भी शिक्षित किया गया।


इस अवसर पर बोलते हुए, डाबर इंडिया लिमिटेड के श्री अमित गर्ग, मार्केटिंग हेड- हेल्थ सप्लीमेंट्स, डाबर इंडिया लिमिटेड ने कहा, "डाबर च्यवनप्राश 100 से अधिक वर्षों से हर भारतीय को सबसे मजबूत प्रतिरक्षा प्राप्त करने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक छलांग है। हम शीत लहर के बारे में चिंतित हैं जो हर साल कई जान ले लेती है। इस पहल के माध्यम से, हम इन बच्चों को च्यवनप्राश प्रदान करने के अलावा प्रतिरक्षा के महत्व को उजागर करके वंचित बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करेंगे।" डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, एमडी (आयुर्वेद), ने कहा, "मौसम परिवर्तन के चक्रों के दौरान अचानक तापमान परिवर्तन होता है, जो खांसी, ठंड और फ्लू जैसे संक्रमण और बीमारियों का कारण है। सर्दी और खांसी, श्वसन समस्याओं, अल्प प्रतिरक्षा जैसी बीमारियों से लड़ने का एक प्रभावी तरीका प्रतिरक्षा में वृद्धि है। डाबर च्यवनप्राश हमारी अंदरूनी प्रतिरक्षा आवश्यकताओं को बढ़ाने का एक प्रभावी समाधान है।" इस अभियान के तहत, डाबर च्यवनप्राश भारत के 22 शहरों आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, उदयपुर, जयपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, गया, इंदौर, रायपुर, पुणे, औरंगाबाद, रांची, बेंगलुरु, मुंबई, नासिक, नागपुर, ग्वालियर और भोपाल के अग्रणी गैर सरकारी संगठनों के साथ हाथ मिला चुके हैं।

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