मेले की तैयारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संगम क्षेत्र में 200 से अधिक ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों ने क्राउड मैनेजमेंट की ट्रेनिंग ली है. उन्होंने पूरे मेला क्षेत्र का दौरा किया और व्यवस्था को समझा. अब ये सभी मेला क्षेत्र में मुस्तैद रहेंगें। 1200 से अधिक मेडिकल फोर्स महाकुम्भनगर में पूरी तरह से तैयार हैं। जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं की सेवा के लिए हाजिर होंगे। इसके अलावा मेले में ही पूरी मेडिकल फोर्स मुस्तैद रहेगी, जो 06 फरवरी के बाद ही यहां से जाएंगे। जरूरत के हिसाब से बैकअप प्लान भी तैयार कर लिया गया है। बता दें, मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है. पोंटून पुलों पर जाली लगाई गयी है और वन-वे सिस्टम लागू किया गया है. अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं ताकि किसी तरह की लापरवाही ना हो. सीएम ने कहा है बसंत पंचमी के अवसर पर पूज्य अखाड़ों की पारंपरिक शोभायात्रा धूमधाम से निकलेगी, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय से कर ली जाएं. पूज्य संतगण हों, कल्पवासी हों, देश भर से आए श्रद्धालु हों या देसी-विदेशी पर्यटक, हर एक की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिए. शोभायात्रा का रूट और समय हो या सामान्य स्नानार्थियों के आवागमन का मार्ग, हर बिंदु पर पुख्ता कार्ययोजना होनी चाहिए. किसी भी स्तर पर चूक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए.जिन सेक्टर्स में कतिपय समस्याएं हैं, वहां सीनियर अधिकारी स्वयं विजिट करें. टीम लीडर अच्छा होना चाहिए. विपरीत परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करने की आदत डालें. यदि आवश्यक हो तो पुलिस की काउंसिलिंग करें, लेकिन पब्लिक के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए. फोर्स को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे पास फोर्स की कोई कमी नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ को लेकर लोगों में उल्लास है. बहुत दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. गांव-गांव से लोग आ रहे हैं.
सभी चिकित्सक सजग रहे
पूरे प्रयागराज मंडल के डॉक्टरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। व्यापक स्वास्थ्य इंतजाम और पर्याप्त मेडिकल फोर्स श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए पूरी तरह तैयार है। इनमें 100 बेड का एक अत्याधुनिक सेंट्रल हॉस्पिटल, 25 बेड के दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल, 20 बेड के आठ सेक्टर हॉस्पिटल और 20 बेड के ही दो संक्रामक रोग हॉस्पिटल भी शामिल हैं। साथ में एक बेड के 10 फर्स्ट एड पोस्ट भी सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए महाकुम्भनगर के साथ ही शहर व मंडल के सभी डॉक्टर सजग रहेंगे। इसके अलावा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय को भी पूरी सजगता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में 500 स्टाफ को अलर्ट मोड में रखा गया है। पहले के अधिकतर मरीज यहां से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं और डेढ़ सौ बेड रिजर्व रख लिए गए हैं। एसआरएन में 60 रेजिडेंट डॉक्टरों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है और यहां 30 सीटी स्कैन मशीनें पूरी तरह तैयार हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर एमआरआई, अल्ट्रासाउंड समेत सभी जांचें हो सकेंगी।इसी के साथ 200 यूनिट का ब्लड बैंक भी एसआरएन में तैयार कर लिया गया है। यहां श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध इंतजामों को अलार्म सिस्टम से भी जोड़ गया है।
रोडवेज ने कसी कमर
महाकुम्भ नगर। यूपी रोडवेज ने भी श्रद्धालुओं को वापस उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कमर कस ली है। अलग से आरक्षित बसों के अलावा कनेक्टिंग सेवा के लिए शटल बसों का बेड़ा भी तैयार है। बसंत पंचमी के स्नान पर्व में आगंतुकों की वापसी के लिए 2500 बसें अलग से आरक्षित कर ली हैं। महाकुंभ क्षेत्र से चार अस्थाई बस स्टेशन पहुंच रहे आगंतुकों के लिए हर 15 मिनट में रोडवेज बस मिलेगी। इसमें भी सबसे अधिक झूसी में बनाए गए रोडवेज के अस्थाई बस स्टेशन में 1500 बसें, लखनऊ की जाने के लिए बेला कछार में बनाए गए बस स्टेशन में 600 बसें, कानपुर की तरफ जाने वाले आगंतुकों के लिए नेहरू पार्क बस स्टेशन में 300 और मिर्जापुर बांदा की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लेप्रोसी अस्थाई बस स्टेशन में 100 रोडवेज बसें आरक्षित हैं।
हर 2 मिनट में शटल सेवा
शहर के चारों तरफ बनाए गए अस्थाई बस स्टेशन में जहां रोडवेज तैयार है वहीं इन अस्थाई बस स्टेशन से महाकुम्भ के नजदीक के स्थानों तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए 550 शटल बसें मौजूद हैं। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक हर 2 मिनट में शटल सेवा उपलब्ध है। बस स्टेशन में भीड़ न होने पाए इसके लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है।

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