कविता के अर्थ-भावार्थ के मद्देनजर अदालत ने कहा- प्लीज, अपना भी दिमाग लगाओ! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025

कविता के अर्थ-भावार्थ के मद्देनजर अदालत ने कहा- प्लीज, अपना भी दिमाग लगाओ!

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गुजरात के जामनगर में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद इमरान प्रतापगढ़ी ने 2 जनवरी 2025 को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया और बैकग्राउंड में जो कविता लगाई थी, उसे लेकर एफआईआर दर्ज हुई थी.


खबरों की मानें तो.... सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को सलाह दी है कि उसे कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के ऊपर दर्ज मुकदमे पर विचार करना चाहिए. अदालत का कहना है कि जिस कविता के लिए यह केस दर्ज हुआ है, उसका सही अर्थ समझने का प्रयास होना चाहिए, यह कविता किसी धर्म के विरोध में नहीं कही गई है, इसका मकसद अहिंसा की बात करना था.


उल्लेखनीय है कि.... गुजरात के जामनगर में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद इमरान प्रतापगढ़ी ने 2 जनवरी 2025 को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बैकग्राउंड ऑडियो के तौर पर एक कविता लगाई थी, जिसमे- ऐ खून के प्यासे लोगों सुनो.. जैसे शब्द थे लिहाजा बगैर इसका भावार्थ और मकसद समझे इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करार देते हुए 3 जनवरी को जामनगर के रहनेवाले किशनभाई नंदा ने एफआईआर दर्ज करवाई.


खबरों पर भरोसा करें तो.... इस केस को निरस्त करवाने के लिए इमरान गुजरात हाईकोर्ट का पहुंचे, जहां उन्होंने दलील दी कि- उनका मकसद शांति और प्रेम को बढ़ावा देना था, लेकिन हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप भट्ट की बेंच ने इससे मना कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि- जांच अभी शुरुआती दौर में है, इमरान प्रतापगढ़ी एक सांसद हैं, उन्हें जिम्मेदारी से काम लेते हुए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए!

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