मुख्य बिंदु एवं सीख
श्री पी. के. झा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में युवा इंजीनियरों और छात्रों को उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विभिन्न सफल उद्यमियों की कहानियाँ साझा कीं, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने व्यवसायों को सफलतापूर्वक खड़ा किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार नवोदित उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए MSME योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और ड्रोन टेक्नोलॉजी के महत्व पर बल दिया और बताया कि सरकार इन क्षेत्रों में नई योजनाओं को लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने छात्रों को इन तकनीकों को सीखने और नवाचार के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. संदीप तिवारी, प्रचार्य, DCE दरभंगा ने भी अपने संबोधन में छात्रों को नौकरी के बजाय उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि DCE, ड्रोन टेक्नोलॉजी में एक उन्नत प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर कार्य कर रहा है। इस केंद्र के माध्यम से छात्रों को कौशल विकास, अनुसंधान और उद्योग से जुड़ने के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
DCE दरभंगा और उपकारी वेंचर्स के बीच एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर
इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण आकर्षण उपकारी वेंचर्स सर्विसेज एलएलपी और DCE दरभंगा के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर था। यह साझेदारी छात्रों के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन कक्षाओं, सेमिनारों और समस्या समाधान सत्रों को सुगम बनाने का उद्देश्य रखती है, जिससे संस्थान में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक मजबूत किया जा सके।
उद्यमिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
सत्र के अंत में प्रश्नोत्तर (Q&A) सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने श्री पी. के. झा और श्री आशीष सिंह से MSME योजनाओं, फंडिंग अवसरों, स्टार्टअप इन्क्यूबेशन और बाजार रणनीतियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। DCE दरभंगा छात्रों को नवीनतम कौशल, ज्ञान और उद्योग से जुड़ने के अवसर प्रदान कर रहा है, ताकि वे सफल उद्यमी बन सकें। यह संवाद सत्र उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करने और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के बारे में
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) बिहार का एक प्रमुख सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है, जो तकनीकी उत्कृष्टता, अनुसंधान और नवाचार के लिए समर्पित है। MIITIE, वैश्विक अकादमिक सहयोग और उद्योग भागीदारी जैसे प्रयासों के माध्यम से, DCE एक तकनीकी-उद्यमिता केंद्र के रूप में उभर रहा है।

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