आयोजन में आलोचक डॉ पल्लव ने कहा कि साहित्य के संसार में विवेक मिश्र की कविताओं का स्वागत है जो किसी भी तरह की जटिलता से बचकर पाठकों से संवाद करती हैं। पल्लव ने कहा कि विवेक मिश्र कविता कर्म के साथ साथ समसामयिक घटनाओं पर तेज नजर रखते हैं और उन पर टिप्पणी करना भी आवश्यक समझते हैं। वेरा प्रकाशन के संचालक बनवारी कुमावत ने अंत में आभार व्यक्त करते हुए अपने प्रकाशन की यात्रा का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि श्रेष्ठ साहित्य जन जन तक पहुंचाना ही वेरा प्रकाशन का लक्ष्य है। संयोजन कर रही रक्षिता पारीक ने कवि परिचय दिया। आयोजन में बड़ी संख्या में पाठक और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।
दिल्ली (रजनीश के झा)। भारत मंडपम में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में गुरुवार को कोटा के कवि विवेक मिश्र के कविता संग्रह चायघर से का लोकार्पण हुआ। विख्यात कवि और साहित्यकार हरिराम मीणा ने संग्रह का लोकार्पण करते हुए कहा कि विवेक मिश्र सामूहिक संवेदनाओं के कवि हैं जो जीवन की साधारणता में कविता खोज लेते हैं। मीणा ने संग्रह की कविताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि नई और रोचक विषय वस्तु के कारण ये कविताएं पाठकों को खींचती हैं। आयोजन की मुख्य अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग की शिक्षक डॉ रेणु व्यास ने कहा कि कवि कर्म के कठिन होते जाने के दिनों में सरल कविताएं ताज़ा हवा के झोंके की तरह हैं। व्यास ने कवि को बधाई देते हुए संग्रह की कविताओं की भाषा को सरल और प्रभावी बताया।
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