इस अवसर पर, दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के *प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी* ने कहा, "संस्कृत भाषा के अध्ययन को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने का यह प्रयास हमारे छात्रों को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगा।" केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के Teacher Dr. Amit ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, "संस्कृत भाषा को नए क्षेत्रों में विस्तारित करना हमारी प्राथमिकता है और यह सहयोग नई पीढ़ी को संस्कृत भाषा से जोड़ने में सहायक होगा।" इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री विनायक झा (सहायक प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग) ने कहा, "यह पहल छात्रों को संस्कृत भाषा और तकनीकी ज्ञान के बीच समन्वय स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी। CSL केंद्र के माध्यम से विद्यार्थी संस्कृत भाषा के विभिन्न पहलुओं को सीखकर अपनी बौद्धिक क्षमता को और अधिक विकसित कर सकेंगे।" यह समझौता संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे छात्रों को प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में नामांकन का अवसर मिलेगा।
दरभंगा (रजनीश के झा)। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली (CSU) और दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) के बीच आज एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा और इसके अध्ययन को बढ़ावा देना है। यह MoU दोनों संस्थानों के शैक्षणिक सहयोग और संस्कृत शिक्षा के प्रचार-प्रसार में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस समझौते के तहत, DCE परिसर में एक 'सेंटर फॉर संस्कृत लर्निंग' (CSL) स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों, शिक्षकों और आम जनता को संस्कृत भाषा सीखने का अवसर प्रदान करेगा। CSU इस केंद्र के संचालन के लिए प्रशिक्षित शिक्षक, अध्ययन सामग्री और पाठ्यक्रम संचालन हेतु दिशानिर्देश प्रदान करेगा। वहीं, DCE केंद्र के लिए बुनियादी ढाँचा, समन्वय अधिकारी और प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी निभाएगा।
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