- भाकपा-माले को और भी मजबूत व गतिशील बनाने का किया गया आह्वान
- सोवियत क्रांति के नेता लेनिन को उनके जन्म दिन पर किया गया याद
उन्होंने यह भी कहा कि 2025 भारत में संगठित कम्युनिस्ट आंदोलन की 100वीं सालगिरह है. यह आरएसएस की स्थापना की भी सौवीं सालगिरह है. भारत के आजादी आंदोलन और फिर आजाद भारत के संसदीय लोकतंत्र के दशकों में कम्युनिस्ट विचारधारा ने आरएसएस के फासीवादी मंसूबों के खिलाफ लगातार डटकर लड़ाई लड़ी है. इन सौ सालों के अधिकांश समय में आरएसएस अलग-थलग पड़ा रहा, लेकिन आज जब वह सत्ता की ताकत के सहारे काम कर रहा है, तो पूरे देश पर अपनी विचारधारा और संस्कृति का शिकंजा कसने की पूरी कोशिश में है. हमें भारत को इस फैलती फासीवादी तबाही से हर हाल में बचाना होगा. ऐसे हालात में हमें इसी साल के आखिर में बिहार के बेहद अहम चुनावों का सामना करना है. बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में हमारी कामयाबी ने पार्टी की राजनीतिक हैसियत को और मजबूत किया है. हमें इस चुनाव में मजबूती से उतरना है ताकि मोदी-शाह-योगी के बुलडोजर को रोका जा सके और जन संघर्षों के इस गढ़ को भाजपा के हाथों में जाने से बचाया जा सके. कार्यक्रम में उक्त नेताओं के अलावा केंद्रीय कमिटी सदस्य मंजू प्रकाश, प्रकाश कुमार, अनिल अंशुमन, संतलाल, मंजू शर्मा आदि भी उपस्थित थे. राज्य कार्यालय के अलावा पटना में दीघा, बेउर मुसहरी, पटना सिटी के मालसलामी, पीर दमरिया, आरमएमएस कॉलनी आदि जगहों पर भी पार्टी स्थापना दिवस का आयोजन किया गया.
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