- सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक जन जागरण के लिए हो रहा है गायत्री महायज्ञ का विराट आयोजन
शनिवार को चार दिवसीय अध्यात्मिक महासमगम कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी उपजोन प्रभारी आरपी हजारी एवं महायज्ञ आयोजन समिति की मुख्य समन्वयक श्रीमती रमीला परमार द्वारा संयुक्त रूप से दी गई और कहा कि गायत्री महायज्ञ सामाजिक समरसता और नारी जागरण की क्रांति के पर्याय हैं। मीडिया प्रभारी श्रीमती पुष्पा शर्मा ने आमजन से यज्ञ में भाग लेने का निवेदन किया है। भोपाल से सुरेश श्रीवास्तव ने यहां पर चर्चा करते हुए आयोजन के विषय में विस्तार से बताया।
महायज्ञ के संचालन के लिए ब्रह्मवादिनी बहनों की टोली शांतिकुंज हरिद्वार से सीहोर पधार चुकी है. मुख्य वक्ता के रूप में शांतिकुंज हरिद्वार से आदरणीया शैफाली पांड्या का विशेष उद्बोधन 29 अप्रैल को होगा. 28 अप्रेल प्रात: 7 बजे से नगर और क्षेत्र के चयनित 500 जोड़े के माध्यम से देवपूजन का विशेष क्रम रहेगा. 29 और 30 तारीख को प्रात: काल 7 से वैदिक विधि विधान से ब्रह्मवादिनी बहनों के द्वारा यज्ञ और विविध संस्कार सम्पन्न कराए जावेंगे. महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन सांयकाल में परिवारों में सुसंस्कारों के संवर्धन, समाज के नैतिक उत्थान और राष्ट्र के नवनिर्माण, नवदाम्पति शिविर से सम्बद्ध संगीत में प्रवचन की प्रस्तुति विद्वान वक्ता टोली नायक दीना त्रिवेदी के मार्गदर्शन दी जावेगी। यज्ञ के पर्यवारण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि यज्ञ के धुएँ का वायु, जल, मृदा पर सकारात्मक प्रभाव होता है इस सम्बन्ध में वैज्ञानिक शोध के निष्कर्ष सरकार तक पंहुचाये जाते
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