सिंधु जल संधि के तहत पानी रोकना युद्ध छेड़ने के समान : पाकिस्तान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

सिंधु जल संधि के तहत पानी रोकना युद्ध छेड़ने के समान : पाकिस्तान

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इस्लामाबाद, पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा। इसके साथ ही उसने पहलगाम हमले के मद्देनजर देश के खिलाफ नयी दिल्ली की ओर से उठाए गए कदमों के जवाब में भारत के साथ व्यापार, शिमला समझौते समेत द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने और हवाई क्षेत्रों को बंद करने की घोषणा की। ये घोषणाएं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गईं। शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के भारत के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया के संबंध में विचार करने के लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है।’’


बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत उस मार्ग से वापस आ सकते हैं, लेकिन 30 अप्रैल के बाद नहीं।’’ पाकिस्तान ने दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा भी निलंबित कर दिए हैं तथा सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द माने जाएंगे। बयान के अनुसार सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर, वर्तमान में एसवीईएस के तहत पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है। इसके अनुसार पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय रक्षा, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को ‘‘अवांछित व्यक्ति’’ घोषित कर दिया है। उन्हें 30 अप्रैल तक पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘भारतीय उच्चायोग में ये पद निरस्त माने जायेंगे। इन सलाहकारों के सहायक कर्मचारियों को भी भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।’’ इसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में 30 अप्रैल से राजनयिकों और कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 कर दी जाएगी। बयान के अनुसार पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से सभी भारतीय स्वामित्व वाली या भारत से संचालित एयरलाइन के लिए बंद कर दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ ‘‘सभी तरह के व्यापार’’ पर रोक लगा दी, जिसमें तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार भी शामिल हैं। 


बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, एनएससी ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के भारत के एकतरफा फैसले को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, तथा इस समझौते को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया। इसमें कहा गया है कि इस बात पर भी जोर दिया गया कि पानी राष्ट्रीय हित का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है तथा 24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा है। M साथ ही, इसने हर कीमत पर अपने जल अधिकारों की रक्षा करने के लिए इस्लामाबाद की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की। बयान में कहा गया, ‘‘सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के माना जाएगा।’’ इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की स्पष्ट रूप से निंदा करता है और वह शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन किसी को भी अपने देश की संप्रभुता, सुरक्षा और सम्मान का उल्लंघन नहीं करने देगा। बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा होने पर हर तरह से मजबूती से जवाब दिया जाएगा।’’ इसमें कहा गया है कि भारत को पहलगाम जैसी घटनाओं को लेकर प्रतिक्रिया स्वरूप आक्षेप लगाने के हथकंडों तथा अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार की घटनाओं का गलत फायदा उठाने से बचना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘‘इस तरह की रणनीतियां केवल तनाव को बढ़ाने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के मार्ग में बाधा डालने का काम करती हैं।’’ भारत ने मंगलवार को पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद बुधवार को 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने की घोषणा की थी।

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