सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया मंचों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय पूरी जिम्मेदारी से काम लें और मौजूदा कानूनों और नियमों का कड़ाई से पालन करें।’’ परामर्श में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और परिचालन प्रभावशीलता तथा कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। परामर्श में करगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी पिछली घटनाओं का हवाला दिया गया, जब ‘‘अबाधित कवरेज से राष्ट्रीय हितों को लेकर प्रतिकूल परिणाम सामने आये थे।’’
नई दिल्ली (रजनीश के झा)। सरकार ने शनिवार को मीडिया से रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण करने से बचने को कहा। साथ ही कहा कि इस तरह की सूचना देने से जाने-अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है। आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
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