सीहोर : आज किया जाएगा अमावस्या पर मंडल का आह्वान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 26 अप्रैल 2025

सीहोर : आज किया जाएगा अमावस्या पर मंडल का आह्वान

  • दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ किया गया हवन-पूजन

Durga-path-sehore
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व के अंतर्गत शनिवार को सुबह यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के द्वारा मासिक शिव चतुर्दशी पर भगवान शिव के अभिषेक के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। इस मौके पर पंडित कुणाल व्यास और समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा आदि शामिल थे। अब रविवार को गोपालघाम पर नौ मंडल का आह्वान किया जाएगा। अमावस्या पर छह बजे से भगवान शिव का अभिषेक, दोपहर में गायत्री मंत्र से हवन, हनुमान चालीसा का पाठ और रामचरित्र मानस पाठ का भी आयोजन किया जा रहा है।


पंडित श्री व्यास ने बताया कि दुर्गा सप्तशती के पाठ से आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, जो सकारात्मकता और शक्ति प्रदान करती है। यह पाठ देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की महिमा का वर्णन करता है और साधक को मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है. इसके अलावा, सप्तशती के पाठ से भय, बुरे सपने और तंत्र-मंत्र की बाधाओं से रक्षा मिलती है। दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ आपके जीवन में चमत्कारिक बदलाव लेकर लाता है। इस दिव्य शक्ति साधना से से साधक को जीवन में हर चुनौतियों और मुश्किलों का सामना करने का आत्मबल मिलता है। दुर्गा सप्तशती साधना आपके जीवन को तत्काल ही सकारात्मक ऊर्जा स्रोतों से भर देती है। इस बीज मंत्रात्मक दुर्गासप्तशती का पाठ करने पर साधक के व्यक्तित्व में सुंदर और सकारात्मक बदलाव आते हैं। उसके स्वास्थ्य में सुधार आता है, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान होता है। साथ ही साथ साधक की आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। शक्ति साधनाओं में यह ग्रंथ एक बहुत ही शक्तिशाली ग्रन्थ है। जिन लोगों ने इसका पाठ किया उनके अनुभव बताते हैं कि, ये साधना अचूक है। इसके पाठ से घर की नकारात्मक उर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है और पूरे परिवार में शांति आती है। इसकी साधना से नशे की आदत छूट जाती है और परिवार बर्बाद होने से बच जाता है। बीजमंत्रों वाली इस सप्तशती के पाठ में समय भी बहुत कम लगता है। इस बीजमंत्रात्मक साधना से शरीर में बहुत ही दिव्य ऊर्जा प्रस्फुटित होती है और व्यक्ति दिव्यता से भर जाता है।

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