सीहोर : देवी अहिल्या के नाम से जाना जाएगा अब बस स्टैंड से आनंद डेरी जाने वाला रोड - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 28 अप्रैल 2025

सीहोर : देवी अहिल्या के नाम से जाना जाएगा अब बस स्टैंड से आनंद डेरी जाने वाला रोड

Ahilya-devi-sehore
सीहोर। अब बस स्टैंड से आनंद डेरी जाने वाला रोड का नाम भी बदल दिया है, जिसे अब इंदौर की लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम से जाना जाएगा। नगर पालिका ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर के द्वारा धनगर समाज के प्रदेशाध्यक्ष केशर सिंह बगोरिया, जिलाध्यक्ष राजकुमार धनगर, प्रदेश महासचिव आरके धनगर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री मधुसुदन धनगर आदि की मांग पर शीघ्रता से अमल करते हुए बस स्टैंड से डेरी तक जाने वाले इस मार्ग का नाम लोकमाता के नाम होगा। साथ ही रोड़ के नए नाम के शिलापट का अनावरण भी कर दिया गया है।


प्रदेशाध्यक्ष श्री बगोरिया ने बताया कि हमारे नपाध्यक्ष श्री राठौर से मांग की थी कि लोकमाता के नाम से मार्ग का नामाकरण किया जाए। हम सभी मांगों को नपाध्यक्ष ने पूर्ण किया है हम परिषद का आभार व्यक्त करते है। लोकमाता प्रदेश का गौरव थी। देवी अहिल्या बाई होलकर का जीवन समाज, संस्कृति और राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व भारत की अमोल निधि है। उन्हें समाज ने पुण्य-श्लोका, लोकमाता, मातोश्री, न्यायप्रिया, प्रजावत्सला, राजमाता आदि से संबोधित किया। यह संबोधन समाज का उनके प्रति सम्मान, श्रृद्धा और आदर्श भाव को प्रकट करते है। उनकी कार्य शैली, व्यवहार, कर्म-कर्तव्य का पालन, विपरीत और विषम परिस्थिति में भी स्थिर रहना, उचित समय पर उचित निर्णय, दूरदृष्टि, संकल्प की दृढ़ता, प्रशासनिक कौशल अद्भुत था। उनके कालजयी विचार और व्यवहार हर युग में 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखायÓ का संदेश देते हैं। व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण, नारी सशक्तिकरण, प्रकृति-पर्यावरण संवर्धन और भारत के सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा का जो कार्य अहिल्याबाई होलकर ने किया यह उनके विराट व्यक्तित्व को अभिव्यक्त करता है। उन्होंने परिपूर्ण सुशासन व्यवस्था, स्वावलंबी आत्मनिर्भर समरस समाज, सुरक्षित समृद्ध राज्य का एक आदर्श प्रस्तुत किया। शासन का ऐसा अद्भुत संयोग बिरला ही होता है। जिस तरह पूज्य शंकराचार्य जी ने चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना कर सनातन संस्कृति को पुनर्स्थापित किया। ठीक उसी तरह देवी अहिल्याबाई होलकर ने पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक हमारे विखंडित मान बिंदुओं को स्थापित किया और देशभर में सांस्कृतिक गौरव की पुनप्रतिष्ठा की तथा भारत को एक सूत्र में पिरोया। उनका शासनकाल मालवा का स्वर्णकाल होने के साथ राष्ट्र के सांस्कृतिक अभ्युदय का समय रहा है। इस मौके पर धनगर समाज के अलावा पार्षद अर्जुन राठौर, संतोष शाक्य, राजेश मांझी जितेंद्र गुर्जर, शिवम चौधरी, अनिल धनगर, मनीष धनगर, गजराज सिंह धनगर, जीतमल धनगर, सावन, कमलसिंह, अंकित, संतोष, बद्रीप्रसाद, चंदर, अनार, मनोज, हेमंत, आकाश समस्त धनगर समाज के अलावा क्षेत्रवासी शामिल थे। 

कोई टिप्पणी नहीं: