दिल्ली : वक्फ निकायों में मुस्लिम सदस्यों का भारी बहुमत होगा : केंद्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025

दिल्ली : वक्फ निकायों में मुस्लिम सदस्यों का भारी बहुमत होगा : केंद्र

Waqf-bill
नई दिल्ली (रजनीश के झा)। केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में इस दावे से इनकार किया कि संशोधित कानून के तहत वक्फ निकायों में मुसलमान अल्पसंख्यक होंगे और कहा कि उनका “भारी बहुमत” होगा। केंद्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 1,332 पृष्ठों के शुरुआती जवाबी हलफनामे में केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी) और राज्य वक्फ बोर्डों (एसडब्ल्यूबी) के गठन से संबंधित प्रावधानों का हवाला दिया और गैर-मुस्लिमों को शामिल करने को उचित ठहराते हुए कहा कि अन्य धार्मिक बोर्डों के विपरीत, वे अस्पताल और स्कूल चलाने जैसी धर्मनिरपेक्ष गतिविधियां भी करते हैं। हलफनामे में कहा गया, “बोर्ड में मुस्लिम सदस्यों की बहुतायत होगी।” इसमें कहा गया है कि संशोधित अधिनियम में सीडब्ल्यूसी में कुल 22 सदस्य होंगे, जिनमें से अधिकतम चार गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। इसमें दलील दी गयी, “अतः गैर-मुस्लिम सदस्य स्पष्ट रूप से अल्पसंख्यक हैं।” दूसरी ओर, एसडब्ल्यूबी में कुल 11 सदस्य होंगे, जिनमें से अधिकतम तीन गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। इसमें कहा गया कि साफ है कि निकाय में गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक होंगे। वक्फ की अवधारणा को महज धार्मिक संप्रदायों या पूजा स्थलों से अलग बताते हुए केंद्र ने न्यायिक फैसलों की ओर इशारा किया, जिनमें वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष निकाय माना गया है, न कि मुसलमानों का प्रतिनिधि निकाय। हलफनामे में कहा गया, “केंद्रीय वक्फ परिषद (जिसमें कुल 22 सदस्य होते हैं) के मामले में अधिकतम चार सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। यदि पदेन अध्यक्ष यानी संबंधित मंत्री और सरकार का संयुक्त सचिव जो कि पदेन भी होता है, मुस्लिम हो तो केवल दो सदस्य ही गैर-मुस्लिम हो सकते हैं।” न्यायालय ने कहा कि वक्फ की अवधारणा समय के साथ विकसित हुई है और इसे केवल धार्मिक संस्थाओं और पूजा स्थलों तक सीमित नहीं माना जा सकता। इसके अलावा, सरकार ने तर्क दिया कि वक्फ की व्यापक समझ के मद्देनजर, अन्य धार्मिक संस्थाओं या बंदोबस्ती अधिनियमों के साथ समानताएं स्थापित करना अनुचित होगा।

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