पटना : कुंवर सिंह विजयोत्सव पर माले ने साझी शहादत-साझी विरासत की रक्षा का लिया संकल्प - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 23 अप्रैल 2025

पटना : कुंवर सिंह विजयोत्सव पर माले ने साझी शहादत-साझी विरासत की रक्षा का लिया संकल्प

  • पटना में जीपीओ गोलबंर से कुंवर सिंह तक निकला मार्च, आरा, जहानाबाद, अरवल में भी निकले मार्च
  • पहलगाम में आतंकवादी हमले के शिकार पर्यटकों को दी गई श्रद्धांजलि


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पटना, 23 अप्रैल (रजनीश के झा)। आजादी की पहली लड़ाई के नेता वीर कुंवर सिंह विजय दिवस के अवसर पर भाकपा-माले ने पटना, आरा, जहानाबाद, नवादा और अरवल में 1857 की साझी शहादत-साझी विरासत की रक्षा के संकल्प के साथ मार्च निकाला।  विदित हो कि कुंवर सिंह के साथ पटना में पीर अली खान, जहानाबाद में जुल्फिकार अली, अरवल में जीवधर सिंह, नवादा में हैदर अली जैसे लोग 1857 की बगावत का नेतृत्व कर रहे थे। यह मार्च इस विरासत पर फासीवादी ताकतों द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के खिलाफ आयोजित किया गया था। पटना में जीपीओ गोलंबर से मार्च शुरू हुआ और कुंवर सिंह पार्क तक पहुंचा, जहां उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में आज सुबह पहलगाम में आतंकवादी हमले के शिकार हुए पर्यटकों की श्रद्धांजलि दी गई। वहां जारी निरंतर हिंसा जम्मू एवं कश्मीर में भाजपा के पूरी तरह सामान्य हालात के बार-बार दुहराये जाने वाले दावों के पीछे की हकीकत को सामने ला दी है। सभा में पोप फ्रांसिस को भी श्रद्धांजलि दी गई। माले राज्य सचिव कुणाल ने इस अवसर पर कहा कि 1857 की लड़ाई साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ भारत के जनगण का पहला राष्ट्रीय प्रत्युत्तर था. साथ ही इसमें एक नए भारत की झलक भी थी। हिंदू और मुसलमानों ने एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया था। आजादी की इस लड़ाई में देश के सभी लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. हमारी विरासत साझी शहादत की रही है।


उन्होंने आगे कहा कि आज हम देख रहे हैं कि फासीवादी मोदी शासन में इस परंपरा को कलंकित किया जा रहा है। वे बाबू कुंवर सिंह का नाम तो लेते हैं, लेकिन अमेरिका के सामने घुटने टेकने का काम करते हैं। वे आजादी की लड़ाई में मुसलमानों के योगदान की चर्चा तक नहीं करते और भारत को एक हिंदू राष्ट्र में तब्दील करने के लिए बेचैन हैं। इसलिए आज जरूरत इस बात की है कि अमेरिका के सामने भारत के स्वाभिमान व संप्रुभता को कमजोर करने और देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने की भाजपाइयों की हर कोशिश का हम मुंहतोड़ जवाब दें और अपनी आजादी को बचाने का संकल्प लें। इस अवसर पर वरिष्ठ पार्टी नेता का. केडी यादव ने कहा कि कुंवर सिंह साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष के प्रतीक हैं. उनका हम जब नाम लेते हैं तो 1857 के सभी योद्धा - पीर अली से लेकर हैदर अली - तक हमारी आंखों के सामने होते हैं. देश की गंगा-जमुनी तहजीब को भाजपा द्वारा तहस-नहस करने की कोशिशों का बिहार मुकम्मल जवाब देगा। आज के कार्यक्रम में फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, नगर सचिव अभ्युदय, प्रकाश कुमार, जितेन्द्र कुमार, समता राय, अनिल अंशुमन, संजय यादव, विनय कुमार, पुनीत पाठक, राखी मेहता, प्रीति कुमारी, गौतम घोष, शहजादे आलम, शोभन चक्रवर्ती, वंदना प्रभा भी शामिल थे। इस तरह, भाकपा-माले ने साझी विरासत की रक्षा का संकल्प लेते हुए बिहार की गंगा-जमुनी संस्कृति को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई।

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