- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन, बिहार – पटना द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का झुग्गी बस्ती में आयोजन सेवा, करुणा और प्रतिबद्धता का प्रतीक

पटना, 13 अप्रैल (रजनीश के झा)। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन (एएमयूओबीए), बिहार – पटना के तत्वावधान में एएमयू के समर्पित पूर्व छात्र डॉक्टरों की टीम, डॉक्टर प्रभात मेमोरियल हीरामती हॉस्पिटल एवं अन्य प्रतिष्ठित चिकित्सा विशेषज्ञों के सहयोग से, शास्त्री नगर, बोर्ड कॉलोनी स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम के पास के झुग्गी क्षेत्र में एक भव्य नि:शुल्क बहुविशेषज्ञता चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में क्षेत्र की वंचित जनसंख्या के 500 से अधिक लोगों ने विशेषज्ञ चिकित्सकीय परामर्श, नि:शुल्क जांच, दवाइयाँ, आयुष्मान भारत योजना से संबंधित सहायता तथा आयुष्मान कार्ड के झरिया इलाज की जानकारी एवं जागरूकता , अखंड ज्योति संस्थान के सहयोग से नेत्र परीक्षण, आहार परामर्श, फिजियोथेरेपी तथा आयुष चिकित्सा जैसी सुविधाओं का लाभ उठाया। शिविर में न्यूरोसर्जन डॉ. नसीब इक़बाल कमली, डॉ. सतीश कुमार सिंह (अध्यक्ष, प्रभात मेमोरियल हॉस्पिटल), हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. नेसर अंसारी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रिज़वान अहमद, फेफड़ों के रोग विशेषज्ञ डॉ. अरशद एजाज़ी, डॉ. डैनिश (जनरल फिजिशियन), डॉ. आकांक्षा और डॉ. दनिया (स्त्री रोग विशेषज्ञ), त्वचा रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. फ़रज़ाना, और आहार विशेषज्ञ शाहीन फ़ातिमा। सभी ने समर्पण भाव से अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
मौके पर सीनियर अलीग, एएमयू छात्र संघ के पूर्व सचिव और समाजसेवी सैयद अनवर हुसैन, कांग्रेस विधायक दल के नेता और विधायक शकील अहमद, इंजीनियर ज़की अहमद ख़ान, इंजीनियर सैयद काज़िम, राजद के सचिव परवेज़ अख्तर, आसमा ख़ान, कहकशाँ परवीन, एडवोकेट नसरुलहुदा ख़ान, एजाज़ हुसैन, चंद्रकला, तथा एएमयूओबीए के विभिन्न पदाधिकारी जिनमें अध्यक्ष एडवोकेट नदीम सिराज, महासचिव मुशीर आलम, कोषाध्यक्ष डॉ. अरशद हक़,उपाध्यक्ष संजय कुमार,प्रो. रिज़वानुल हक़ प्रमुख रूप से शामिल रहे। आयोजकों ने यह घोषणा की कि एएमयूओबीए भविष्य में पटना के शहरी झुग्गी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के नि:शुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन लगातार करता रहेगा, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा की पहुँच सुनिश्चित की जा सके और सर सैयद अहमद ख़ान तथा अलीगढ़ आंदोलन की मानवीय और सामाजिक सेवा की विरासत को आगे बढ़ाया जा सके।
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