बेंगलुरु : कान महोत्सव में जलवायु संकट का संदेश देने रेड कार्पेट पर चली दो भारतीय सुंदरियाँ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 25 मई 2025

बेंगलुरु : कान महोत्सव में जलवायु संकट का संदेश देने रेड कार्पेट पर चली दो भारतीय सुंदरियाँ

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बेंगलुरु/कान , 25 मई (विजय सिंह)। फ्रांस के कान में 13 से 24 मई तक चला 78 वाँ वार्षिक कान फिल्म महोत्सव ईरानी फिल्म निर्माता जफर पनाही की फिल्म "इट वाज जस्ट एन एक्सीडेंट " को महोत्सव के  सर्वोच्च पुरस्कार "पाम डौर" देने के साथ समाप्त हो गया Iभारतीय फिल्म "होम बाउंड" को सराहना के साथ पुरस्कृत किया गया है I इन सबके बीच जूही व्यास और मोहिनी शर्मा, दो भारतीय सुंदरियों, ने अपनी सुंदरता का जलवा बिखेरने से परे हट कर, जलवायु के साथ अन्याय तथा वैश्विक महासागर संकट से आगाह और जवाबदेही मिश्रित सशक्त प्रस्तुति के साथ दुनिया को जागरुक करने के उद्देश्य से रेड कार्पेट पर प्रतीकात्मक परिधान के साथ वॉक किया।


जूही व्यास 2023 में जनता की पसंद पर "मिसेज ग्लोब" चुनी जा चुकी हैं वहीं मोहिनी शर्मा "मिसेज इंडिया इंकार्पोरेशन" की  संस्थापिका हैं I जूही और मोहिनी ने कान फिल्म महोत्सव में जलवायु से संबंधित क्षेत्र में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था ग्रीन पीस इंडिया और ग्रीन पीस दक्षिण एशिया के सान्निध्य में जलवायु और महासागर संकट के प्रति वैश्विक चिंतन व ध्यानाकर्षण हेतु कान महोत्सव मंच का उपयोग किया।


महोत्सव में लाल कालीन पर अपनी प्रस्तुति के दौरान पहनी पोशाक के बारे में जूली व्यास रहती हैं कि " यह महज एक ड्रेस नहीं है बल्कि शहरवासियों को हीटवेव्स से झुलसाने वाली गर्म हवाओं के झोंके व बदलती जलवायु माहौल को प्रतिबिंबित करने का माध्यम है I जूली व्यास अपनी चिंता जाहिर करती हुई कहती हैं कि " एक माँ के रूप में, मैं भावी पीढ़ी के लिए बदलते मौसम के मिजाज और पर्यावरण के प्रति गैरजिम्मेदार लोगों से निवेदन करते हुए सुरक्षित जलवायु व उत्कृष्ट महासागरीय माहौल के साथ पृथ्वी की रक्षा करने का आह्वान करती हूँI" उन्होने प्रदूषण फैलाने वालों को पर्यावरण के प्रति निष्ठावान होने का अनुरोध किया  I मोहिनी शर्मा ने प्लास्टिक के अपशिष्ट, औधोगिक कचरा से समुद्र को बचाने तथा जलवायु के साथ छेड़ छाड़ से अप्राकृतिक रूप से गर्म होते समुद्री जल को बचाने के लिए रणनीति बनाने की वकालत की I मोहिनी ने दक्षिण एशियाई देशों के लिए उच्च समुद्रीय संधि की पुष्टि करने की तत्काल आवश्यकता पर ध्यानाकर्षित किया। 

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