- बुरहानपुर में महाले परिवार का हृदयस्पर्शी मिलन और परिवार दिवस का भव्य उत्सव
परिवार दिवस: एकता और खुशियों का उत्सव
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा हाल ही में मनाया गया परिवार दिवस, जिसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी ने मिलकर रिश्तों की गर्माहट को सेलिब्रेट किया। परिवार दिवस ने हर दिल को जोड़ा, जहाँ बचपन की वो गलियाँ, खेल और शरारतें फिर से जीवंत हो उठीं। पुराने किस्सों ने हँसी के ठहाके लगाए, तो गुलाब जामुन, श्रीखंड, पानीपुरी और सेव जैसे पारंपरिक व्यंजनों ने स्वाद की मिठास को दोगुना किया। जोश भरा डांस इस उत्सव का दिल बना, जहाँ उम्र की कोई सीमा नहीं थी—बस बचपन का वो बेफिक्र अंदाज़ और दिलों का उत्साह था।
बचपन की यादें, आज की खुशियाँ
पूजा ने भावुक होकर कहा, “परिवार दिवस ने हमें फिर से बचपन की उन सुबहों में ले गया, जहाँ न चिंता थी, न दूरी, बस वही मासूम हँसी और अपनापन था। हेमंत ने कहा कि यह आयोजन और परिवार दिवस हमें अपनों से जोड़ने का एक अनमोल मौका है। आज बचपन याद आ गया, और दिल फिर से उसी मस्ती में खो गया।
गुरव समाज को प्रेरणा, एक नई परंपरा
महाले परिवार की इस पहल ने गुरव समाज की एकता को और मजबूत किया, साथ ही रिश्तों को संजोने का एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया। यह आयोजन इस बात का सबूत है कि बचपन की यादें और रिश्तों की गहराई कभी फीकी नहीं पड़ती। तय हुआ कि यह मिलन और परिवार दिवस अब हर साल मनाया जाएगा, जो एक नई परंपरा की शुरुआत करेगा और आने वाली पीढ़ियों को रिश्तों की अहमियत सिखाएगा।
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