भारत को हेड और नेक कैंसर की राजधानी कहा जाता है क्यों कि भारत में हर साल दो लाख से ज्यादा लोग हेड एंड नेक कैंसर के शिकार होते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। 2022 में, सिर्फ होंठ और मुंह के कैंसर के 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। यदि बाकी हेड एंड नेक कैंसर के उप-स्थलों को जोड़ें, तो यह कुल पुरुषों मे होने वाले कैंसर के 20-25% मामलों के बराबर हो जाएगा। दुर्भाग्यवश भारत में ६०-७०% मरीजों का कैंसर तीसरे या चौथे स्टेज में पता चलता है। कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. जिमी मिरानी (बी.एन.डी.ऑन्को सेंटर) ने कहा कि हर महीने दो मिनट का स्व-परीक्षण बहुत जरूरी है। मुंह में सफेद या लाल धब्बे, लंबे समय तक न भरने वाले घाव, खून आना, दांत ढीले होना, गले या जबड़े में सूजन, निगलने में परेशानी या आवाज में बदलाव जैसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एमडी फिजीशियन व पैलिएटिव केयर एक्सपर्ट डॉ. डेलनाज़ जे. धाबर (बी.एन.डी.ऑन्को सेंटर) ने कहा कि देश में बढ़ते मुंह के कैंसर के मामलों को देखते हुए समय रहते निदान और इलाज कराना काफी जरूरी हैं। मुंह का कैंसर आमतौर पर तंबाकू, शराब और एचपीवी वायरस के कारण होता है। अगर बीमारी देर से पकड़ी जाए तो इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि लोग नियमित रूप से खुद जांच करें और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें। “मुंह के कैंसर से बचाव के लिए दो मिनट की जांच” अभियान का उद्देश है समय पर बीमारी निदान और इलाज हो ताकि मरीज की जान बचाई जा सकें।

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