नई दिल्ली (रजनीश के झा)। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा और पड़ोसी देश की ओर से परमाणु (खतरे) का कोई संकेत नहीं दिखा। सूत्रों ने कहा कि मिसरी ने सरकार के इस रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर द्विपक्षीय स्तर पर सहमति बनी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को रोकने में अपने प्रशासन की भूमिका होने का दावा किया था। समिति की बैठक में कुछ विपक्षी सदस्यों ने ट्रंप के इस दावे को लेकर भी सवाल उठाया। सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल किया है। मिसरी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल आदि ने भाग लिया। यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किए जाने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुई। भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए थे।
मंगलवार, 20 मई 2025
दिल्ली : भारत-पाक सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा : मिसरी ने संसदीय समिति से कहा
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