कोटा : आद्या कृति स्त्री अस्तित्व बोध का उद्घोष है : डॉ विवेक मिश्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 5 मई 2025

कोटा : आद्या कृति स्त्री अस्तित्व बोध का उद्घोष है : डॉ विवेक मिश्र

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कोटा (रजनीश के झा)। आद्या कृति स्त्री अस्तित्व का उद्घोष है । यह हाड़ौती की रचनात्मक उर्वर भूमि से स्त्री अस्तित्व की इन कविताओं का यह उद्घोष असीमित संभावनाओं के द्वार खोलता है।यह विचार शोमिता वर्मा की काव्य कृति आद्या को लेकर प्रोफेसर विवेक मिश्र ने होटल ब्ल्यू सपायर आर के पुरम कोटा के सभागार में कृति लोकार्पण के समय प्रकट किये गये। उन्होंने कहा आद्या स्त्री के होंसले की जनून और उसके अस्तित्व की सुगंध की महत्वपूर्ण रचनाओं का संग्रह है। वह बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। मुख्य अतिथि जितेन्द्र निर्मोही ने कहा अच्छा साहित्य समाज की थाती होता है। हाड़ौती अंचल की समकालीन कविताओं के प्रारंभ में डा वीणा अग्रवाल, बीना जैन दीप, डॉ कृष्णा कुमारी की कृतियां आती हैं।उन सबके मध्य यह कृति महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अच्छी कृतियां साहित्य गुलशन में विशिष्ट रंग और गंध को रुपायित करती है। इस अवसर पर उन्होंने फिल्मी गीतकार कैफ़ भोपाली को लेकर संस्मरण भी सुनाया। विशिष्ट अतिथि रेखा पंचोली ने शोमिता वर्मा की कविताओं को स्त्री विमर्श की चेतना देने वाली कृति बताया। अतिविशिष्ट अतिथि जबलपुर से पधारे अंतरराष्ट्रीय रंगकर्मी आशुतोष द्विवेदी ने कहा आद्या स्वर शक्ति का प्राण तत्व है जिस पर शिव तांडव नृत्य करते हैं। यहां शिव और शक्ति दोनों एकाकार हो जाते हैं। समारोह की अध्यक्षा जयपुर से पधारी डॉ कंचना सक्सेना ने कहा कि कृति का मूल स्वर ही जीवन संघर्ष है। यह आयोजन शोमिता वर्मा के शब्दों के चतुर्दिक निनाद का आयोजन है। यहां जो विभिन्न नवाचार हुए वो हमेशा याद किए जाएंगे। समारोह का संचालन नहुष व्यास ने किया।

 

इस समारोह में नैनानी प्रतिष्ठान, शंकर मेडिकल प्रतिष्ठान, डॉ डी के शर्मा,महेश शर्मा , डॉ अचल सक्सेना आदि कोटा महानगर के महत्वपूर्ण व्यक्तियों की भागीदारी दिखाई दी। समारोह का प्रारंभ इंजीनियरिंग कॉलेज कोटा की छात्रा अनंदिता शर्मा की जितेन्द्र निर्मोही द्वारा रचित सरस्वती वंदना से हुई। कृतिकार परिचय और स्वागत भाषण डॉ युगल सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया। कृति परिचय में बोलते हुए श्वेता शर्मा ने कहा कि यह संकलन स्वत मुखरित कविताओं का संकलन है। जहां कविताएं और कवयित्री शोमिता वर्मा एकमेव होते दिखाई देते हैं। अपने रचना कर्म पर बोलते हुए शोमिता वर्मा ने कहा मैं सहज भाव में अनायास ही सृजन करती हूं। धन्यवाद दीप " दीपक" द्वारा दिया गया।  समारोह के अंत में वरिष्ठ कवि बशीर अहमद मयूख के निधन पर उन्हें और पहलगांव के दिवंगत सैलानियों को श्रद्धांजलि दी गई । आयोजन में कवि बाबू बंजारा,प्रेम शास्त्री, मुरली धर गौड़, विजय शर्मा, विजय महेश्वरी, श्यामा शर्मा, अनुराधा शर्मा, डॉ अर्पणा शर्मा, डॉ इन्दु बाला, अनुराधा शर्मा न ई दिल्ली से आए हरविंदर सिंह आदि उपस्थित थे।

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