इस दौरान निम्नलिखित व्यक्ति गण मौजूद रहेः श्री मार्कस युंगबाउअर, बेज़िर्क्सबुर्गरमाइस्टर, हैम्बोर्न (हैम्बोर्न के जिला मेयर) – इंडो-जर्मन सहयोग के प्रति मज़बूत नागरिक एवं सांस्कृतिक समर्थन को दर्शाते हुए। श्रीमती फेलिक्स काया, सीनियर जनरल मैनेजर, वेस्टर्न यूनियन डुइसबर्ग – अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय सेवाओं में नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हुए। क्रिस्टोफ़ हेनेकन, अटॉर्नी जनरल, डुइसबर्ग – मज़बूत कानूनी और नागरिक साझेदारी को उजागर करते हुए। फादर डॉ. इसाक एल्सदानम, पेरिश प्रीस्ट, सेंट जोसेफ चर्च, डुइसबर्ग – इस अवसर को आशीर्वाद देते हुए और इस नए उपक्रम की सफलता के लिए प्रार्थना करते हुए। श्री जोसे कुंबिलुवेलिल, केरल से लोकसभा के सदस्य एवं वरिष्ठ मीडिया कार्यकर्ता – यूरोप में भारतीय प्रवासी समुदाय की मज़बूत आवाज़ के प्रतीक के रूप में। उनकी उपस्थिति ने यूरोप में भारतीय पर्यटन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को रेखांकित किया व इस अवसर को वास्तव में एक सांस्कृतिक समागम के रूप में चिह्नित किया। "स्विट्रस सिर्फ शहरों को नहीं जोड़ रहा है - यह लोगों को जोड़ रहा है," जिला मेयर हैम्बोर्न ने कहा। "हम इस पहल का स्वागत करते हैं जो भारत और जर्मनी के बीच पर्यटन संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।" रिबन-कटिंग सेरेमनी के बाद एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें पारंपरिक आतिथ्य, स्थानीय व्यंजनों और हार्दिक सामुदायिक जुड़ाव के मिश्रण के साथ भारत की भावना का प्रदर्शन किया गया।
एक ऐसा उद्योग जहाँ अक्सर थर्ड-पार्टी विक्रेताओं और फ्रेगमेंटिड प्लानिंग पर निर्भरता होती है, वहाँ जर्मनी में स्विट्रस की उपस्थिति केवल लॉजिस्टिक्स तक सीमित नहीं है—यह यूरोप में भारतीय यात्रियों के भावनात्मक और सांस्कृतिक अनुभव को नए सिरे से परिभाषित करने का प्रयास है। “हम केवल यात्रियों को यूरोप भेजना नहीं चाहते—हम उनके लिए वहाँ मौजूद रहना चाहते हैं,” स्विट्रस हॉलीडेज़ के संस्थापक एवं सीईओ डॉ. जोबी जॉर्ज ने बताया। “यह केवल एक शाखा नहीं है, यह यूरोप को भारतीय यात्रियों के लिए अधिक सरल, सुरक्षित और सुलभ बनाने की दिशा में एक साहसिक कदम है। हमें गर्व है कि हम जर्मनी में उपस्थिति दर्ज करने वाली पहली भारतीय ट्रैवल कंपनी हैं—जो हमारे ग्राहकों के लिए बेहतर नियंत्रण, तेज़ समन्वय और अधिक फायदा प्रदान करती है।” यह विस्तार केवल स्विट्रस ब्रांड के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतीय ट्रैवल उद्योग के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है—जो महत्वाकांक्षा, विस्तार और वैश्विक एकीकरण में एक स्पष्ट बदलाव का संकेत देता है। स्विट्रस की योजना है कि वह अपनी इस वैश्विक उपस्थिति को आगे एशिया और मध्य पूर्व में नई शाखाओं के माध्यम से विस्तारित करे व यात्रियों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए यात्रा अनुभवों की पेशकश करें।

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