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बुधवार, 14 मई 2025

दिल्ली : भारत ने कश्मीर, व्यापार और परमाणु संघर्ष की अटकलों पर ट्रंप के दावों का खंडन किया

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नई दिल्ली (रजनीश के झा)। भारत ने मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश, व्यापार पर जोर और पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में परमाणु संघर्ष से बचाव करने के उनके दावों पर पलटवार किया। विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की इस टिप्पणी को भी खारिज कर दिया कि वाशिंगटन ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए समझौता कराया था। ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का लंबे समय से रुख यह है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाना चाहिए और इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जायसवाल ने कहा, ‘‘हमारा लंबे समय से रुख रहा है कि भारत के केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्रों को खाली करना है।’’ भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष समाप्त करने के लिए सहमति बनाने के ट्रंप के दावे का सीधे तौर पर उल्लेख किए बिना जायसवाल ने कहा कि 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) द्वारा हॉटलाइन पर बातचीत के दौरान इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया गया था। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान के प्रमुख वायुसेना ठिकानों पर भारतीय सेना के ‘‘बेहद प्रभावी हमले’’ ने इस्लामाबाद को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए मजबूर कर दिया। 


जायसवाल ने ट्रंप के दावे को परोक्ष रूप से खारिज करते हुए कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर दूं। यह भारतीय हथियारों की ताकत थी, जिसने पाकिस्तान को अपनी गोलीबारी रोकने के लिए मजबूर किया।’’ ट्रंप के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि अमेरिकी प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘परमाणु संघर्ष’ को रोका, जायसवाल ने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों तक सीमित थी। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा और न ही इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों की अनुमति देगा।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘विभिन्न देशों के साथ बातचीत में हमने उन्हें इसे लेकर भी आगाह किया कि इस तरह की स्थिति में शामिल होने से उन्हें अपने क्षेत्र में नुकसान हो सकता है।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें थीं कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण की बैठक 10 मई को होगी। लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद ही परमाणु हमले की बात से इनकार किया है।’’ उन्होंने कहा कि भारत सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखेगा, जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने उद्योग की तरह आतंकवाद को पोषित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने उन आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया, जो न केवल भारतीयों की, बल्कि दुनिया भर में कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए भी जिम्मेदार थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के साथ व्यापार में कटौती की चेतावनी देकर नयी दिल्ली और इस्लामाबाद पर शत्रुता समाप्त करने का दबाव बनाया। इस बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा कि किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।

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